राजस्थान की पहली देवनारायण पशुपालक योजना का 70 फीसदी काम पूरा

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कोटा। देवनारायण पशुपालक योजना का 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। यहां पर 1227 प्लॉट में से 738 मकान और बाड़े फर्स्ट फेज में दिए जाने हैं। जिनमें से 500 मकान और बाड़े कंप्लीट हो चुके हैं। 433 प्लॉट पर प्लिंथ लेवल तक काम हो चुका है। यूआईटी सचिव राजेश जोशी ने बताया कि जुलाई के अंत में शिफ्टिंग शुरू कर दी जाएगी।

राजस्थान की पहली याेजना : पशुपालकाें काे बाड़ाें के साथ-साथ रहने और उनकी मूलभूत सुविधायुक्त नया कस्बा ही तैयार किया जा रहा है। 300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह बाईपास पर धर्मपुरा की 108 हेक्टेयर भूमि पर बनाई गई है।

योजना इसलिए : दूध निकालने के बाद पशुओं को शहर में सड़कों पर विचरण के लिए छोड़ देते हैं। इनकी वजह से होने वाली दुर्घटनाओं में पिछले साढ़े 7 साल में 45 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 300 घायल हो गए। अतिक्रमण भी हो रखा है।

शहर में 14 हजार पशु : यूआईटी द्वारा इसके लिए सर्वे किया ताे सामने आया कि शहर में लगभग 900 से ज्यादा पशुपालक हैं, जिनमें से करीब 50 फीसदी अतिक्रमण कर पशुपालन रह रहें हैं। शहर में लगभग 14 हजार पशु हैं।