नई दिल्ली। एशिया और भारत के सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के लिए रिटेल सेगमेंट ग्रोथ का इंजन बनेगा। अगले दशक में रिलायंस रीटेल (Reliance Retail) में 10 गुना प्रॉफिट की संभावना है। अमेरिका के इनवेस्टमेंट बैंकर गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है। इसके मुताबिक वित्त वर्ष 2016 से 2020 के दौरान रिलायंस का रीटेल रेवेन्यू 5 गुना बढ़ा लेकिन मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान कोरोना के कारण इसमें ठहराव आ गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रिलायंस ने इस समय का इस्तेमाल अपने रीटेल बिजनस के लिए डिजिटल क्षमताओं को मजबूत करने में किया और फिजिकल रीच का विस्तार भी जारी रखा। गोल्डमैन के मुताबिक ई-कॉमर्स सहित रीटेल बिजनस देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के लिए अगला ग्रोथ इंजन बनने के लिए तैयार है। अगले 10 साल में इसमें प्रॉफिट 10 गुना बढ़ने की संभावना है।
डिजिटल पर जोर
ब्रोकरेज के मुताबिक व्यापक मंदी के दौरान रिलायंस ने अपनी डिजिटल क्षमताओं को मजबूत करने पर जोर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2030 तक भारत में ग्रॉसरी ऑर्गेनाइज्ड रीटेल में 6 गुना बढ़ोतरी हो सकती है। इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज की बाजार हिस्सेदारी 15 फीसदी होगी। अगले चार वर्षों में रिलायंस इंडस्ट्रीज का कोर रीटेल रेवेन्यू 36 फीसदी सीएजीआर की दर से बढ़ेगा। यह 44 अरब डॉलर तक जा सकता है। कुल रीटेल रेवेन्यू में ई-कॉमर्स की हिस्सेदारी 35 फीसदी यानी 15 अरब डॉलर होगी।
रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2025 तक ऑनलाइन ग्रॉसरी में रिलायंस की बाजार हिस्सेदारी 50 फीसदी होगी। ओवरऑल ई-कॉमर्स मार्केट में कंपनी की हिस्सेदारी 30 फीसदी होगी। यह वित्त वर्ष 2025 तक आरआईएल के लिए 35 अरब डॉलर के ई-कॉमर्स जीएमवी (gross merchandise value) के बराबर है। इसमें 19 अरब डॉलर हिस्सा ग्रॉसरी का होगा। कुल मिलाकर 2030 तक रीटेल एबिटा मौजूदा स्तर से 10 गुना ज्यादा होगा।