लोकसभा स्पीकर से कृषि कानूनों का विरोध जताने जा रहे किसानों को पुलिस ने रोका

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कोटा। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर देशभर में किसान संगठन सम्पूर्ण क्रांति आन्दोलन की वर्षगांठ के तहत कृषि कानूनों का विरोध जता रहे हैं। कोटा में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति से जुड़े किसान तय कार्यक्रम के तहत आज लोकसभा स्पीकर के कैंप कार्यालय आ रहे थे। उससे पहले ही पुलिस ने चारों तरफ बेरिकेड्स लगा दिए।

मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया। जैसे ही कुछ प्रदर्शनकारी आए, उन्हें रास्ते में ही रोक लिया। समिति के लोग स्पीकर को ज्ञापन देने की मांग पर अड़ गए, लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी। उन्हें कैंप कार्यालय तक नहीं जाने दिया। मजबूरन किसान प्रतिनिधियों ने बीच सड़क पर कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई और पुलिस अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।

संघर्ष समिति के दुलीचंद बोरदा ने बताया केंद्र सरकार कोरोना काल में अध्यादेश के जरिये कृषि कानून लाई है। जो किसान विरोधी कानून है। केंद्र सरकार पूंजीपतियों को फायदा पहुंचा रही है। किसान व आम आदमी पर महंगाई का बोझ डाला जा रहा है। पेट्रोल डीजल की कीमत आसमान छू रही है। अब व्यवस्था परिवर्तन का समय आ गया है। जिस तरह जयप्रकाश नारायण के दौर में क्रांति का आगाज हुआ था। उसी तरह इस बार व्यवस्था परिवर्तन की मांग उठी।

बोरदा ने कहा कि कोटा संभाग में गेहूं, चने में करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। किसानों का माल समर्थन मूल्य से नीचे पर बिका है। सरकार को किसानों के नुकसान की भरपाई करनी चाहिए। सरकार को कानून वापस लेकर समर्थन मूल्य गारंटी कानून लाना चाहिए।