नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी डिजिटल पेमेंट्स प्रोवाइडर कंपनी पेटीएम (Paytm) आईपीओ लाने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक कंपनी की योजना 21,800 करोड़ रुपये (3 अरब डॉलर) जुटाने की है। कंपनी का आईपीओ इसी साल बाद में आ सकता है और यह देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। देश में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ कोल इंडिया लिमिटेड का था। 2010 में कंपनी ने इसके जरिए 15,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि जुटाई थी।
एक सूत्र ने बताया कि पेटीएम की नवंबर में दीवाली के आसपास आईपीओ लाने की योजना है। पेटीएम की पेरेंट कंपनी One97 Communications Pvt. Ltd. की इस आईपीओ के जरिए अपनी वैल्यूएशन 25 अरब से 30 अरब डॉलर पहुंचाने की है। कंपनी के बोर्ड की शुक्रवार को बैठक होगी जिसमें पेटीएम के आईपीओ को औपचारिक रूप से मंजूरी दी जाएगी। पेटीएम के निवेशकों में Berkshire Hathaway Inc., SoftBank Group Corp. और Ant Group Co. शामिल हैं। इस बारे में पेटीएम ने उसे भेजे गए ईमेल का जवाब देने से इंकार कर दिया।
सबसे बड़ा आईपीओ: अगर पेटीएम का आईपीओ सफल रहता है तो यह देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। अब तक यह रेकॉर्ड कोल इंडिया के नाम है जिसने 2010 में आईपीओ के जरिए 15,000 करोड़ रुपये से अधिक कमाए थे। पेटीएम के आईपीओ के संचालन के लिए जिन बैंकों को शॉर्टलिस्ट किया गया है, उनमें Morgan Stanley, Citigroup Inc. और JPMorgan Chase & Co. शामिल हैं। इनमें Morgan Stanley की दावेदारी सबसे मजबूत है। सूत्रों के मुताबिक जून के अंत या जुलाई से इसकी प्रक्रिया तेज हो सकती है। बैं
पेटीएम के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा पिछले एक साल से रेवेन्यू बढ़ाने और पेटीएम की सर्विसेज को मॉनिटाइज करने में लगे हैं। स्टार्टअप ने अपना कारोबार डिजिटल पेमेंट्स के बाहर बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, फाइनेंशियल सर्विसेज, वेल्थ मैनेजमेंट और डिजिटल वॉलेट के क्षेत्र में फैलाया है। पेटीएम ने PhonePe, Google Pay, Amazon Pay और WhatsApp Pay की चुनौती का सफलतापूर्वक सामना किया है।
बाजार हिस्सेदारी सबसे अधिक : देश के मर्चेंट पेमेंट्स में इसकी बाजार हिस्सेदारी सबसे अधिक है। कंपनी के हालिया ब्लॉग पोस्ट के मुताबिक पेटीएम के 2 करोड़ से अधिक मर्चेंट पार्टनर्स हैं और इसकी यूजर हर महीने 1.4 अरब ट्रांजेक्शन करते हैं। शर्मा ने हाल में कहा था कि पेटीएम के लिए इस साल के पहले तीन महीने सबसे अच्छे रहे। इस दौरान कोविड-10 महामारी के कारण डिजिटल पेमेंट्स में काफी तेजी आई।