जयपुर। रेमडेसिविर व अन्य दवाओं की कालाबाजारी रोकने में नाकाम रहा ड्रग विभाग उन दोषियों पर भी कार्रवाई नहीं कर पा रहा है, जिन्हें खुद उसने दोषी पाया था। जो बड़े अस्पताल (मणिपाल हॉस्पिटल व सीकेएस) 2800 का रेमडेसिविर 5400 में बेच रहे थे, उन्हें ये कहकर छोड़ दिया गया कि इन्होंने गलती से अधिक कीमत में बेचा।
यही नहीं, दूसरी तरफ विभाग उन दुकानदारों के लाइसेंस यह कहकर सस्पेंड कर रहे हैं कि 10 रु. के मास्क को 20 रु. में बेच रहे थे। ऐसे कई मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस सस्पेंड कर दिए गए हैं। दोनों गलत कर रहे हैं तो कार्रवाई भी दोनों पर एक सी हो। इसके अलावा आरयूएचएस और सीके बिरला हॉस्पिटल पर भी कालाबाजारी में कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी।
ड्रग कंट्रोलर राजाराम शर्मा ने कहा,अभी इस बारे में जानकारी नहीं है। इसका पता किया जाएगा। वहीं, मामले के मुख्य जिम्मेदार सहायक औषधि नियंत्रक दिनेश तनेजा ने कोई जवाब नहीं दिया।
ड्रग विभाग को मणिपाल और सीकेएस अस्पतालों की दुकानें सीज करनी थीं। पूरी जांच कर आगे कार्रवाई करनी थी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। वहीं आरयूएचएस में पता करना चाहिए था कि कितने रेमडेसिविर व दवाएं बाहर बेची गईं।