नई दिल्ली। Trade account deficit: भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को बताया कि अक्तूबर से दिसंबर तिमाही में भारत का चालू खाता घाटा बढ़ गया है। इसका मुख्य कारण व्यापार घाटे में इजाफा है।
वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में चालू खाता घाटा 11.5 बिलियन डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद का 1.1% रहा, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 10.4 बिलियन डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद का 1.1% था। आरबीआई ने कहा कि इस वर्ष जुलाई-सितंबर में घाटा संशोधित 16.7 बिलियन डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद का 1.8% था।
शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार आठ प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों की वृद्धि दर फरवरी में घटकर पांच महीने के निचले स्तर 2.9 प्रतिशत पर आ गयी, जबकि एक साल पहले इसी माह में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।
मासिक आधार पर, इन क्षेत्रों के उत्पादन में वृद्धि दर जनवरी में दर्ज 5.1 प्रतिशत की वृद्धि से कम रही। इससे पहले विकास दर 2.4 प्रतिशत सितंबर में दर्ज की गई थी। फरवरी माह में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई।
कोयला, रिफाइनरी उत्पाद, इस्पात और बिजली की उत्पादन वृद्धि क्रमशः 1.7 प्रतिशत, 0.8 प्रतिशत, 5.6 प्रतिशत और 2.8 प्रतिशत रही, जबकि पिछले वर्ष फरवरी में यह 11.6 प्रतिशत, 2.6 प्रतिशत, 9.4 प्रतिशत और 7.6 प्रतिशत थी।