कोटा। कोविड से रिकवर होकर प्लाज्मा डोनेशन करने आ रहे कई डोनर्स ऐसे हैं, जिनकी एक बार भी एंटीबॉडी नहीं बनी और वह प्लाज्मा डोनेशन से वंचित रहे गए, लेकिन प्रदेश के सर्वाधिक प्लाज्मा डोनेशन करने वाले भगत सिंह कॉलोनी निवासी, इंश्योरेंस कम्पनी में जनरल मैनेजर पंकज गुप्ता (46) बी पॉजिटिव ने शनिवार को 10वीं बार प्लाज्मा डोनेशन कर 20 लोगों का जीवन बचाया है।
इस दौरान पंकज गुप्ता ने कहा कि मेरा उद्देश्य प्लाज्मा का कीर्तिमान बनाना नहीं है, मरीज की जान बचनी चाहिए, वह पहले ही कह चुके हैं कि जब तक एंटीबॉडी आती रहेगी वह तब तक वैक्सीन नहीं लगवाएंगे। उन्होंने कहा कि मेरे शरीर में एंटीबॉडी बनना ईश्वरीय देन है, मुझे इस काम के लिए चुना गया है तो मैं इस कार्य के प्रति समर्पित रहूंगा।
टीम जीवनदाता के संयोजक व लायंस क्लब के जोन चेयरमैन भुवनेश गुप्ता ने बताया कि पंकज गुप्ता ने अगस्त से प्लाज्मा डोनेशन किया और उसके बाद लगातार प्लाज्मा डोनेशन करते चले आ रहे हैं। जब भी एंटीबॉडी का परिणाम सकारात्मक आता है घर मे एक बार मिठाई ज़रुर बटकर खुशिया बाटते है। इस मौके पर नितिन मेहता, मनीष माहेश्वरी और एडवोकेट महेंद्रा वर्मा, गौतम सिंघवी व भुवनेश गुप्ता का विशेष सहयोग रहा। पूरी टीम ने दिनभर ब्लड बैंक में रहकर सेवायें प्रदान की।
भाई ने दिया प्लाज्मा और बहन ने रक्तदान
एमबीएस ब्लड बैंक में एक भाई ने दुर्लभ रक्त ग्रुप ‘ए’ नेगेटिव का प्लाज्मा और बहन ने इसी रक्त ग्रुप का रक्तदान कर कोरोना संक्रमण से निबटने के लिए अपना सहयोग दिया। टीम जीवनदाता के संयोजक भुवनेश गुप्ता ने बताया कि आई टी इंजीनियर सौरभ जैन (32) ने ‘ए’ नेगेटिव रक्त ग्रुप का प्लाज्मा दान किया, जिसकी हमेशा कमी बनी रहती है। इससे पूर्व भी सौरभ दस बार रक्तदान कर चुके हैं। उनके साथ आई उनकी बहन वीनस जैन (20) की भी इच्छा तो प्लाज्मा डोनेट की थी, लेकिन वजन कम होने के कारण वह प्लाज्मा डोनेट नहीं कर सकी। किंतु उसने रक्तदान करके कोरोना आपदा से निबटने में अपना सहयोग प्रदान किया। छह दिन पूर्व ही सौरभ जैन के पिता सुबोध जैन ने ‘ए’ नेगेटिव ब्लड ग्रुप का प्लाज्मा डोनेट किया था।