कोटा। मरीजों के लिए 6 से 12 दिन का समय सबसे ज्यादा क्रिटिकल होता है। शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बने रहना महत्वपूर्ण होता है। पिछले कुछ दिनों से लगभग हर शहर में ऑक्सीजन की आपूर्ति में भारी कमी हो रही है। ऐसे में हम आपको प्रोनिंग के बारे में बता रहे हैं, जिससे ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा कर सकते हैं। ऑक्सीजन कम होने पर इस तरीके को आजमाएं।
प्रोनिंग: पेट के बल उल्टा लेटकर अपनी छाती के नीचे तकिया लगाकर गहरी शांत श्वास लें। आप यह दिन में कई बार जितने ज्यादा समय के लिए कर सकें, करना है। प्रोनिंग से फेफड़ों के बेस और पीछे के हिस्से में द्रव का संचय कम होता है और यह कोविड से फेफड़ों को नुकसान को कम करता है। प्रोनिंग से आपका ऑक्सीजन स्तर कुछ प्रतिशत तक बढ़ता है।
घर में आप कैसे करें प्रोनिंग
- एक तकिया गर्दन और एक सीने के नीचे रखें। पेट के बल लेटकर दोनों पैर सीधे करें। हाथों को हथेलियों के सीधे में रख लें। इसी पोजिशन में आधे घंटे लंबी सांस लेते रहें।
- आधे घंटे दाईं करवट लेटकर हाथ सिर के नीचे ऐसे रखें कि तकिए की तरह काम करे। दोनों पैरों को एक के ऊपर एक सटाकर रखें।
- अब बाईं करवट लेकर हाथ को सिर के नीचे ऐसे रखें कि वह तकिए की तरह काम करे। पैरों को सटाकर एक के ऊपर एक रखें।
- सीधे होकर बैठें। दोनों पैरों को सटाकर रखें। कमर को एकदम 90 डिग्री पर न मोड़ें। शरीर थोड़ा झुका हुआ लगभग 120 डिग्री के आसपास रखें।
मरीज काेप्रोनिंग पोजिशन में लाएं
चादर से मरीज को खींचकर बिस्तर के एक सिरे पर लाएं। मरीज के हाथों पर चादर लपेटें और उधर खींचें जिधर करवट पर लाना है।{ दूसरी चादर बिस्तर पर ऐसे बिछाएं कि मरीज उसके ऊपर हो। इस चादर को खींचकर आप उसे एक तरफ करवट दिला सकेंगे।{ इस चादर को एक सिरे से खींचकर आप मरीज को पेट के बल लिटा दें। मरीज को बीच में लाएं। पीठ के बल लिटा दे। मरीज को प्रोनिंग करते वक्त आसपास डॉक्टर या नर्स हो।
इन बातों का रखें ध्यान
खाना खाने के तुरंत बाद प्रोनिंग न करें। कम से कम 1 घंटे बाद करें। किसी भी पोजिशन में 30 मिनट से ज्यादा न रहें। पोजिशन और समय शरीर की क्षमता के मुताबिक ही तय करें।{ तकिया ज्यादा सख्त न हो। अकेले प्रोनिंग न करें। परिवार का कोई सदस्य साथ रहे।
ये लोग प्रोनिंग न करें
गर्भवती महिला। गंभीर हृदय रोग होने पर। पेल्विक फ्रैक्चर, अस्थिर रीढ़ की हड्डी या अन्य समस्याएं होने पर प्रोनिंग न करें, इससे आपको दिक्कत हो सकती है।