राजस्थान के 3 कैबिनेट मंत्रियों ने दिल्ली में लोक सभाध्यक्ष बिरला से मुलाकात की

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राजस्थान में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच बेड और ऑक्सीजन की किल्लत

जयपुर। कोरोना ने पूरे प्रदेश में अब हिलाकर रख दिया है। कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच बेड-ऑक्सीजन की किल्लत हो रही है। वहीं आपदा की इस घड़ी में प्रबंधन में लगी सरकार के भी हाथ-पांव फूलते नजर आ रहे हैं। ताजा खबर यह है कि राजस्थान में बिगड़ते कोरोना के हालातों को देखते हुए केंद्र से मदद की गुहार लगाने और चिकित्सीय व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए राजस्थान सरकार के तीन मंत्री दिल्ली पहुंचे हैं।

इसी क्रम में गहलोत सरकार के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, यूडीएच मिनिस्टर शांति धारीवाल और उर्जा मंत्री बी.डी. कल्ला ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान उन्होंने राजस्थान की स्थिति की जानकारी स्पीकर को देने के साथ ही ऑक्सीजन – रेमेडीसीवर इंजेक्शन की पर्याप्त उपलब्धता के लिए भी केंद्र से सिफारिश करने की बात कही है।

पांच गुना बढ़ी ऑक्सीजन की खपत
चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने बताया कि राज्य में तीन माह पूर्व ऑक्सीजन की खपत लगभग 6500 सिलेण्डर प्रतिदिन थी। वह वर्तमान में बढ़कर 31 हजार 425 सिलेण्डर प्रतिदिन हो गई है। उन्होंने बताया कि इस अप्रत्याशित मांग को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने भरसक प्रयास कर रही है। इधर चिकित्सा सचिव सिद्धार्थ महाजन ने कहना है कि ऑक्सीजन के प्रबन्ध के लिए राज्य सरकार की ओर से युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। वायुसेना के सहयोग से जामनगर से जोधपुर एयरलिफ्ट करके ऑक्सीजन मंगवाई जा रही है। वहीं अगले सप्ताह तक 1200 सिलेण्डर प्रतिदिन क्षमता का संयत्र दरीबा (राजसमन्द) में हिन्दुस्तान जिकं लिमिटेड द्वारा प्रारम्भ किया जा रहा है। इसके अलावा 500 सिलेण्डरर्स का उत्पादन शीघ्र ही शुरू हो रहा है।

ऑक्सीजन प्रबंधन का जिम्मा सरकारी अधिकारियों को
महाजन के अनुसार समयबद्ध आक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आक्सीजन टैकर्स में जीपीएस सिस्टम लगाये गये हैं।वहीं वाहनों की निगरानी राज्य नियंत्रण कक्ष से की जा रही है। आक्सीजन की औद्योगिक प्रयोग को बंद करके समस्त आपूर्ति को मेडीकल प्रयोजन के लिए सुनिश्चित किया गया है। आक्सीजन के उत्पादन संयत्रों पर राजकीय अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाकर उनका समयबद्ध संचालन सुनिश्चित करने हेतु पर्यवेक्षण किया जा रहा है।