अजीब गाइडलाइन: निजी कार में 3 लोगों से संक्रमण, बस में 26 जनें बैठने पर भी नहीं

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जयपुर। राजस्थान में आज सोमवार से इमरजेंसी को छोड़ निजी वाहन से एक जिले से दूसरे जिले में आवाजाही बंद कर दी गई है। सभी जिलों की सीमाओं पर बॉर्डर सील कर दिए हैं। सार्वजनिक परिवहन के अलावा निजी वाहनों को जिले से बाहर जाने पर रोक है। गृह विभाग की निजी वाहनों पर लगाई गई इस बंदिश से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। नई गाइडलाइन में रोडवेज और निजी बसों में आधी सीटों पर यात्रियों को बैठाने की अनुमति है, लेकिन निजी वाहन जिले से बाहर नहीं जा सकते हैं।

सार्वजनिक परिवहन की बसों में 52 सीट होती हैं। ऐसे में 26 लोग एक साथ यात्रा कर सकते हैं। निजी वाहन में नई गाइडलाइन के मुताबिक, आधी सीटों पर लोगों के बैठने की अनुमति है, ड्राइवर सहित तीन लोग बैठ सकते हैं। गृह विभाग की इसी नई गाइडलाइन को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।

जयपुर-दौसा के बीच बस चलाने वाले वाहन चालक कमलेश मीणा ने कहा- सरकार का यही आदेश अव्यवहारिक तथा आमजन को परेशान करने वाला है। मैं निजी वाहन से पत्नी के साथ शादी समारोह में शामिल होने के लिए करौली जाना चाहता हूं लेकिन पुलिस ने मुझे दौसा की सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया।

भरतपुर-दौसा की सीमा से होते हुए मेहंदीपुर बालाजी पहुंचे प्रेमसिंह ने कहा- मैं अपने पैतृक गांव से वापस आ रहा था, लेकिन महवा पुलिस ने उनके वाहन को दौसा में प्रवेश नहीं करने दिया। पारिवारिक परिस्थितियों का हवाला देने के बाद बड़ी मुश्किल से प्रवेश दिया।

एक्सपर्ट बोले
जयपुर के चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. मनीष जैन का कहना है- जहां ज्यादा लोग होंगे वहां संक्रमण का खतरा ज्यादा होगा। बसों में एक साथ 25 या उससे ज्यादा व्यक्ति बैठकर अगर सफर करते हैं तो उससे ज्यादा अच्छा अपने निजी वाहन में सफर करने में है। हां, एक बात ये जरूर है कि अगर अपने निजी वाहनों में आप सफर कर रहे हैं तो दो या उससे ज्यादा यात्री बैठे हैं तो कार के सभी शीशे खोले ताकि संक्रमण का खतरा और भी कम हो जाए।

कंपनियों में काम करने वालों को परेशानी
नई गाइडलाइन से कामकाजी लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अलवर के भिवाड़ी, खुशखेड़ा, नीमराना और आसपास के इंडस्ट्रियल एरिया में बड़ी संख्या में उद्यमी,अफसर और कर्मचारी रोज हरियाणा दिल्ली से निजी वाहनों से अपडाउन करते हैं। लेकिन, नई गाइडलाइन से उन उद्यमियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हे।

इस बार गृह विभाग से हुई चूक
पिछली बार लॉकडाउन में भी अलवर जिले के सीमावर्ती औद्योगिक क्षेत्रों में बाहर से आने वाले उद्यमियों-कर्मचारियों को आवाजाही की अनुमति दी गई थी। लॉकडाउन की सख्त पाबंदियों में भी उन्हें छूट दी गई थी। इस बार गृह विभाग हरियाणा-दिल्ली से रोज निजी वाहनों से आने जाने वाले उद्यमियों और कर्मचारियों को छूट देने का प्रावधान करना भूल गया है। गृह विभाग की इस चूक से उद्योगों में उत्पादन और सप्लाई चेन का सिस्टम गड़बड़ा सकता है।

गाइडलाइन में हर बार गफलत
कोरोना की दूसरी लहर में गृह विभाग की गाइडलाइन में हर बार गफलत होती आई है, जिसके बाद उसका स्पष्टीकरण जारी किया जाता है। हर बार गाइडलाइन में ऐसे बिंदु शुमार हो ही जाते हैं जिनका व्यवाहारिक धरातल पर पालन करना लोगों के लिए मुश्किल भरा होता है। इसी गाइडलाइन में 3 घंटे में शादी समारोह समाप्त करने का प्रावधान कर दिया, जबकि धार्मिक रीति रिवाज में ही इससे ज्यादा समय लगता है।

बाद में गृह विभाग ने मौखिक सफाई दी कि शादी में तीन घंटे का वक्त केवल भोजन के लिए है। धार्मिक रीति रिवाज के लिए समय सीमा नहीं है। हालांकि लिखित में संशोधन जारी नहीं हुआ। शराब की दुकानों के सुबह 6 से 11 बजे खोलने के प्रावधान का भी विरोध हो रहा है।