कोटा। संभाग में दाे दिन से हाे रही बेमौसम बरसात, ओलावृष्टि ने किसानाें के अरमानाें पर पानी फेर दिया। खेताें में कटाई के लिए पककर तैयार खड़ी गेहूं, जौ, धनिया, चना, ग्वार आदि फसलाें में सबसे ज्यादा नुकसान की आशंका है। धनिया, चना, सरसाें की कटी पड़ी फसल खराब हाेने की पूरी आशंका है। वहीं बरसात के बाद तेज हवा चलने से गेहूं की फसल आड़ी पड़ गई। इससे खेताें में चादर सी बिछ गई।
किसानाें के मुताबिक हाड़ाैती बरसात, ओलावृष्टि से 30 प्रतिशत तक खराबे की आशंका है। वहीं कृषि विभाग फसल खराबे के प्रारंभिक सर्वे में जुट चुका है। विभाग के संभागीय अधिकारी ने जिला स्तरीय अधिकारियाें, कृषि पर्यवेक्षकाें काे फील्ड में जाकर फसल खराबे के नुकसान का सर्वे करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
बिरला ने दिए निर्देश : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि अचानक ओलावृष्टि तथा बरसात ने फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है, जो दुखद और चिंताजनक है। लोकसभा अध्यक्ष बिरला के निर्देशों के बाद उनके कार्यालय ने कोटा व बूंदी जिला कलेक्टर से बात कर फसलों को हुए नुकसान का जल्द से जल्द आंकलन करने के लिए कहा है।
किसानों को शीघ्र मुआवजा दे सरकार : पूर्व विधायक हीरालाल नागर ने उपखंड अधिकारी कनवास और कलेक्टर से बातकर शीघ्र सर्वे कराकर मुआवजे की मांग की है। नागर ने बताया कि शुक्रवार काे हुई बारिश और ओलावृष्टि से कनवास में ओले और बारिश के कारण नष्ट हो गई है।
संयुक्त कृषि निदेशक रामावतार शर्मा ने बताया कि कृषि अधिकारियों काे क्षेत्र में सर्वे के निर्देश दिए। अच्छी बात यह है ज्यादा बरसात नहीं हुई है। इससे फसलाें में बहुत कम नुकसान की आशंका है। माैसम विभाग के अनुसार शनिवार काे माैसम खुल जाएगा।
धारीवाल ने दिए आंकलन के निर्देश : यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने फसल के नुकसान पर चिंता जताई है। उन्हाेंने संभागीय आयुक्त कैलाश चंद मीणा और कलेक्टर काे फाेन करके माैसम और नुकसान स्थिति के बारे में जानकारी ली और दाेनाें अधिकारियाें काे शीघ्र ही आंकलन करने के निर्देश दिए।
नुकसान से मंत्री को अवगत कराया : विधायक कल्पना देवी ने कृषि मंत्री लालचंद कटारिया से मुलाकात कर कोटा जिले के लाडपुरा क्षेत्र में हुई बरसात एवं ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों के नुकसान से अवगत कराया।
राजावत बोले- खराबे का सर्वे करवाएं : पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने कलेक्टर उज्जवल राठौड़ के समक्ष मांग उठाई। कहा पटवारियों की हड़ताल को देखते हुए वे शीघ्र ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था कर नुकसान का सर्वे करवाए।
पिछले दाे दिन से पश्चिमी विक्षाेभ के असर से काेटा संभाग में तेज हवाओं के साथ रिमझिम और तेज बारिश हुई। सुबह और दाेपहर बाद तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। वहीं, ग्रामीण इलाकाें में भी तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। माैसम विभाग के अनुसार माैसम में बदलाव के साथ अधिकतम पारा में चार डिग्री की गिरावट दर्ज की।
इन क्षेत्रों में ज्यादा हुआ नुकसान
किसान नेता सुरेश गुर्जर और भाजपा किसान माेर्चा के जिला महामंत्री हुसैन देशवाली ने बताया जिले के चंद्रेसल, मानसगांव, ताथेड़, सीमल्या, सुल्तानपुर, इटावा, सांगाेद, कनवास क्षेत्र के खेताें में गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई। किशनपुरा तकिया के गुरुशरण आकोदिया ने बताया कि चने की फसल की गुणवत्ता प्रभावित होगी।
मानसगांव के बीरम यादव ने बताया कि बारिश से लहसुन की पौध भी जमीन पर बिछ गई हैं। दीगोद क्षेत्र के किसानों के अनुसार इलाके में बारिश कम हुई, जिससे गेहूं, धनिए चने की फसल को आंशिक नुकसान की संभावना है। वहीं पीपल्दा के गणेश खेड़ा में धनिए खड़ी फसल जमीन पर बिछ गई है। धाकड़खेड़ी के महावीर सुमन ने बताया कि सबसे ज्यादा नुकसान धनिये की फसल में हैं।