कोटा। रोटरी क्लब कोटा, श्री भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति जयपुर एवं भारत सेवा संस्थान के सहयोग की ओर से आयोजित पांच दिवसीय दिव्यांग सहायता शिविर का आज समापन हो गया। क्लब के अध्यक्ष बीएल गुप्ता ने शिविर के समापन समारोह में सभी रोटेरियन की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस शिविर की असली कामयाबी यह नहीं कि शिविर में 2 करोड रुपये के उपकरण बांटे और हजारों लोग लाभाविंत हुए। अपितु इस शिविर में दिव्यांगो के चेहरे पर जो प्रसन्नता एवं खुशी देखने को मिली है, वही हमारी कामयाबी है।
श्री भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति कोटा प्रभारी प्रवीण भण्डारी ने रोटरी क्लब के सहयोग की प्रशंसा करते हुए जयपुर फुट की उपयोगिता के बारे में बताया। रीको के सीनियर आरएम एसके गर्ग ने कहा रीको में भी दिव्यांगो के लिए कई योजनाएं प्रस्तावित है। उन्हें 5000 वर्ग मीटर के भूखण्ड कीमत पर 25 प्रतिशत छूट मिलती है। क्लब डीजी राजेश अग्रवाल एवं एजी एके जैन ने कहा कि क्लब द्वारा अपने कार्य 500 व्यक्तियों का एक दिवसीय केम्प आयोजित किया गया था। आज क्लब प्रगति के पथ पर है। क्लब 5 दिवसीय केम्प लगा कर लगभग 4 हजार लोगों लाभांवित कर रहा है।
सेवा से प्रभावित होकर रोटरी क्लब के सदस्य बने
पुलिस अधीक्षक विकास पाठक रोटरी क्लब के सेवा से अभिभूत होकर बोले बचपन में आंखे कमजोर थी, मुझे चश्मा लगा। उस दिन मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था। क्योकि अब 6 वर्ष का विकास पूरी दूनिया को आसानी से देख रहा था। मुझे इस छोटी से बात की इतनी खुशी है तो जो व्यक्ति अपने दोनों पैर व हाथ खो चुका उन्हें शिविर ने अपने पैरों पर खडा कर दिया। वह प्रसनन्ता व खुशी से अपने घर जा रहे हैं। उनकी खुशी का आकलन मैं कर सकता हूं।
आज में भी इस सेवा भाव का हिस्सा बनना चाहता हूं। मैं भी रोटेरियन बनना चाहता हूं। इसके बाद रोटरी डीजी राजेश अग्रवाल, अध्यक्ष बीएल गुप्ता एवं सचिव लक्ष्मण सिंह ने पुलिस अधीक्षक को मानक चिंह पहना कर रोटरी का सदस्य बनाया। मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक विकास पाठक ने कहा मैंने बचपन से रोटरी क्लब देखा है और कोटा आकर भी देखा। वही कर्मठता एवं सेवा भाव है। जनसेवा की इसी भावना से प्रेरित होकर में भी रोटेरियन बनना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि किसी कि अपूर्णता को कम कर उसे पूर्ण कर आप उस व्यक्ति की प्रसन्नता को माप नहीं सकते।
सचिव लक्ष्मण खीची, शिविर प्रभारी अनुपम शर्मा एवं मुकेश व्यास ने बताया कि संख्या की दृष्टि से यह शिविर राजस्थान का सबसे बडा शिविर रहा है। किसी भी शिविर में एक समय में लगभग 4000 व्यक्ति नहीं आए हैं। उन्होंने कहा कि 3679 दिव्यांगों का रजिस्ट्रशन हो चुका है। शिविर के माध्यम से ही हम कुछ और दिव्यांगो को लाभांवित कर संख्या 4 हजार तक पहुंचायेंगे।