राजस्थान के निगम क्षेत्रों में नहीं चलेंगे 15 साल पुराने कॉमर्शियल डीजल वाहन

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    कोटा। राजस्थान के नगर निगम और यूआईटी क्षेत्राें में अब 15 वर्ष पुराने कॉमर्शियल डीजल वाहनों के संचालन पर रोक लगा दी गई है। परिवहन विभाग ने सुप्रीम काेर्ट के आदेशों की पालना करते हुए अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाले पुराने कॉमर्शियल डीजल वाहनों का नॉन अटेनमेंट सिटी जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, अलवर एवं कोटा नगर निगम और यूआईटी क्षेत्र में संचालन को प्रतिबंधित कर दिया है।

    ऐसे वाहनों को शहर से एनओसी लेकर अन्य जिलों या अन्य राज्यों में जाने की राह देखनी पड़ेगी। अब यहां रजिस्ट्रेशन, री-रजिस्ट्रेशन आदि बंद कर दिए गए हैं। आरटीओ कुसुम राठाैड़ ने बताया कि एनजीटी और प्रदेश सरकार के आदेशों की पालना की जाएगी। नगर निगम क्षेत्राें में 15 सााल पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगाने से कोटा, जयपुर, उदयपुर, अलवर और जोधपुर से करीब 87 हजार वाहन दूर हो जाएंगे।

    कोटा से 15 हजार वाहन बाहर होंगे: परिवहन अधिकारियों के मुताबिक उदयपुर से करीब 10 हजार ट्रक, बस, टेम्पो, ऑटो, कार, जीपें, जयपुर से 40 हजार, कोटा से 15 हजार, अलवर से 12 हजार और जोधपुर से 10 हजार ऐसे वाहनों को शहर से दूर कर दिया गया है। आरटीओ कुसुम राठाैड़ ने बताया कि अब अगर ये वाहन इन शहरों में चलाते पाए गए तो यातायात पुलिस और परिवहन विभाग अवैध वाहन संचालन मानते हुए इन वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई करेंगे। परिवहन विभाग ने इन पांच शहरों में 2005 तक के रजिस्टर्ड कॉमर्शियल डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन खत्म कर दिए गए हैं।

    भारी जुर्माना लगा सकता था एनजीटी: परिवहन विभाग ने छंटनी के बाद लगभग 85 हजार ऐसे वाहनों के आंकड़े सरकार को प्रस्तुत किए थे। जिस पर अंतिम फैसला प्रदेश सरकार ने लिया। प्रदेश सरकार अगर 15 साल पुराने कॉमर्शियल डीजल वाहनों को इन शहरों से नहीं हटाती तो एनजीटी सरकार पर भारी जुर्माना लगा सकता था। इसके बाद अब ट्रक, बस, टेम्पो, ऑटो, कार, जीप आदि 85 हजार वाहनों के रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिए गए हैं। हालांकि इससे पहले वाहन मालिकों को मार्च में ही आगाह कर दिया था। नई तैयारी के चलते उदयपुर में तीन सीएनजी पेट्रोल पंप खोल दिए गए हैं। ई-रिक्शा के पंजीयन शुरू कर दिए गए हैं।

    बस मालिक संघ के अध्यक्ष सत्यनारायण साहू ने बताया कि कई बस मालिक हैं, जो 15 साल पुराने वाहन संचालित कर रहे हैं । ऐसे में उन सभी बस मालिकाें की बैठक आयाेजित की जाएगी। जिसमें उन्हें नगर पालिकाओं की सीमाओं में बसाें का संचालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।