बिकवाली के दबाव में सेंसेक्स 470 अंक फिसलकर 48,564 पर बंद

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मुंबई। कच्चे तेल की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी और वैश्विक बाजारों में गिरावट के चलते घरेलू मार्केट में भारी गिरावट दर्ज की गई। बिकवाली के दबाव में सेंसेक्स 470.40 अंकों की भारी गिरावट के साथ 48,564.27 पर बंद हुआ है। हालांकि कारोबार के दौरान सेंसेक्स ने दिन के सबसे निचले स्तर 48,403.97 को भी छुआ। इंडेक्स में टॉप लूजर ONGC का शेयर रहा, जो अंत में 4.83% नीचे बंद हुआ। इसी तरह सन फार्मा और इंडसइंड बैंक के शेयरों में 4-4% से ज्यादा की गिरावट रही। वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज का 1.78% ऊपर बंद हुआ। यह सेंसेक्स का टॉप गेनर स्टॉक रहा।

चौतरफा गिरावट के बीच 18 जनवरी को BSE पर 3,172 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ। 2,096 शेयर गिरावट और 931 शेयर बढ़त के साथ बंद हुए हैं। इसमें 331 शेयरों में लोअर सर्किट लगा। लिस्टेड कंपनियों का टोटल मार्केट कैप भी घटकर 192.43 लाख करोड़ रुपए हो गया है।

इसी तरह निफ्टी इंडेक्स भी 152.40 अंक नीचे 14,281.30 पर बंद हुआ है। टाटा मोटर्स का शेयर 6% नीचे बंद हुआ है। टाटा स्टील का शेयर 5.79% फिसलकर बंद हुआ। इसके अलावा हिंडाल्को, ONGC और JSW स्टील के शेयरों में भी 4-4% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। वहीं, UPL के शेयर में 6.21% की बढ़त रही। दिग्गज रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 1.82% ऊपर बंद हुआ है।

निवेशकों ने मेटल, फाइनेंशियल और ऑटो सेक्टर के शेयर बेचे। इसीलिए निफ्टी मेटल इंडेक्स 4.08% नीचे बंद हुआ है। इसी तरह निफ्टी बैंक इंडेक्स 1.35%, ऑटो 2.13%, फार्मा 2.77%, मीडिया 2.25%, रियल्टी 2.02% और PSU बैंक इंडेक्स 2.44% नीचे बंद हुआ है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) डेटा के मुताबिक 124.75 करोड़ शेयरों की तुलना में 58.18 करोड़ शेयरों पर बिड मिली। रिटेल हिस्सा पहले दिन 56% भरा। कर्मचारियों के लिए रिजर्व हिस्सा 69% भरा और नॉन- इंस्टिच्युशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व हिस्सा 2.8% भरा है। जबकि क्वालिफाइड इंस्टिच्युशनल इन्वेस्टर्स (QII) ने अभी कोई खरीदारी नहीं की है।

HDFC बैंक के मजबूत तिमाही नतीजा
HDFC बैंक को अक्टूबर-दिसंबर 2020 के दौरान 8,758 करोड़ रुपए का प्रॉफिट हुआ है। यह एक साल पहले की तुलना में 18.1% ज्यादा है। दिसंबर तिमाही में बैंक को आर्थिक गतिविधियों में तेजी का फायदा मिला है। इसके कर्ज में 15.6% की वृद्धि हुई है। नेट इंटरेस्ट मार्जिन 4.2% रहा है। ब्याज से होने वाली आमदनी 14,173 करोड़ से बढ़कर 16,317 करोड़ हो गई है। बैंक के कुल कर्ज में ऑटो लोन 81,880 करोड़ रुपए का है। यह एक साल पहले 83,552 करोड़ रु. था।