विदेशी निवेश के मामले में ED और RBI करेंगी जांच, सरकार ने दिया आदेश

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मुंबई। देश में कारोबार कर रही दो सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों फ्लिपकार्ट और अमेजन में विदेशी निवेश की प्रवर्तन निदेशालय (ED) और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जांच करेंगे। सरकार ने उन्हें इसकी जांच करने का आदेश दिया है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने एफडीआई पॉलिसी और फेमा नियमों के उल्लंघन के सिलसिले में कई बार शिकायतें की थीं। इसी के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।

ई-कॉमर्स कंपनियों की चिंता बढ़ी
सरकार के इस आदेश से इन दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियों की चिंता बढ़ गई है। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि कॉमर्स मंत्री पीयूष गोयल को कैट की तरफ से कई बार शिकायतें भेजी गई थीं। इसी के बाद डिपार्टमेंट ऑफ प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्रीज एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) ने रिजर्व बैंक और ईडी को पत्र जारी कर कार्रवाई करने के लिए कहा है।

बिरला ग्रुप के साथ हुई डील पर सवाल
भरतिया ने कहा कि फ्लिपकार्ट और आदित्य बिरला ग्रुप के बीच हुई डील में सीधे सीधे FDI के नियमों का उल्लंघन हुआ है। बता दें कि पिछले कई सालों से लगातार भारी घाटे के बावजूद ई-कॉमर्स कंपनियां लगातार डिस्काउंट पर कारोबार कर रही हैं। अमेजन का घाटा पिछले साल 8 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा रहा है। भारत में सेलुलर फोन बनाने वाली कंपनियों की संस्था इंडियन सेलुलर एसोसिएशन भी इससे पहले शिकायत कर चुकी है। उसका कहना है कि ई-कॉमर्स कंपनियां प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से मोबाइल फोन पर डिस्काउंट देकर एफडीआई नियमों का उल्लंघन कर रही हैं।

लगातार डील कर रही हैं कंपनियां
यह ई-कॉमर्स कंपनियां भारत में लगातार निवेश कर रही हैं। भारतीय कंपनियों के साथ उनकी डील भी हो रही है। इनकी डील और निवेश पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। हाल में अमेजन ने भी फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस की डील पर भी सवाल खड़ा किया था और मामला कोर्ट में है। भारत में इन ई-कॉमर्स कंपनियों को अब देश की दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ टक्कर मिल रही है। रिलायंस ने हाल में ई-कॉमर्स में अच्छी शुरुआत की है।