जयपुर। कोरोना के कहर से करीब 10 महीने से स्कूल बंद हैं और बच्चों से लेकर अभिभावकों और शिक्षकों तक सबके जहन में यही सवाल है कि आखिर स्कूल कब खुलेंगे? इसी का जवाब ढूंढने के लिए शिक्षा विभाग ने राज्य सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है। इसमें 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए 1 जनवरी या 4 जनवरी से स्कूल खाेलने की अनुमति मांगी गई है।
साथ ही कहा गया है कि इन कक्षाओं का 15 दिन तक ट्रायल के आधार पर संचालन किया जाए। ट्रायल की समीक्षा के बाद अन्य कक्षाओं के लिए स्कूल खोलने पर निर्णय लिया जाए। विभाग के प्रस्ताव को अभी तक अनुमति नहीं मिली है। प्रदेश के 3 लाख शिक्षक और 9वीं से 12वीं तक के करीब 35 लाख विद्यार्थी सरकार के निर्णय का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। जानिए, शिक्षा विभाग के प्रस्ताव की अहम बातें
यह रहेंगी पाबंदियां
- बिना मास्क किसी को स्कूल में प्रवेश न दिया जाए।
- स्कूलों में हाथ धोने के पानी का पर्याप्त इंतजाम हो।
- क्लासरूम का फर्नीचर, अन्य सामग्री सेनेटाइज हो।
- क्लासरूम में विद्यार्थी एक दूसरे से पर्याप्त दूरी रखें। {स्कूल स्टाफ भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करे।
- विद्यार्थी अपनी कोई भी सामग्री किसी दूसरे विद्यार्थी के साथ साझा नहीं करें। इसे सुनिश्चित किया जाए।
- स्कूल वाहिनी को सेनेटाइज किया जाए और ड्राइवर-कंडक्टर कोरोना के निर्देशों का पालन करें।
- छात्रों को सप्ताह या दिन के हिसाब से बुलाया जाए।
- विद्यार्थी लंच, पानी की बोतल अपनी इस्तेमाल करें।
ये था पुराना प्रस्ताव: अक्टूबर में शिक्षा विभाग ने राज्य सरकार को स्कूल खोलने का प्रस्ताव भेजा था। इसके आधार पर 16 नवंबर से 9वीं से 12वीं तक, 1 दिसंबर से छठी से आठवीं तक और 1 जनवरी से पहली से पांचवीं कक्षा तक के स्कूल खोलने का प्रस्ताव था। लेकिन अचानक काेरोना संक्रमण बढ़ने से ऐसा नहीं हो पाया।
तब अलग-अलग कक्षाओं के आगमन और प्रस्थान का समय भी अलग-अलग रखने का प्रस्ताव था।स्कूलों के बाहर ठेले और खोमचे वाले विक्रेताओं का आना बिल्कुल प्रतिबंधित करने को कहा गया था।बीमार बच्चों के लिए अलग कक्षा का भी सुझाव था।
प्रस्ताव भेज दिया है: डोटासराशिक्षा विभाग ने प्रस्ताव गृह विभाग को भेज दिया है। इसमें 9वीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए 1 या 4 जनवरी से स्कूल खोलने की बात है। स्कूल खोलने के लिए केंद्र सरकार की गाइडलाइन के आधार पर गृह और चिकित्सा विभाग के साथ-साथ मुख्यमंत्री स्तर पर अंतिम निर्णय होना है। -गोविंद सिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री