नई दिल्ली। देशभर के बिजली ग्राहकों को कई अधिकार देने वाले ‘द इलेक्ट्रिसिटी (राइट्स ऑफ कंज्यूमर्स) रूल्स: 2020’ को सोमवार को नोटिफाई कर दिया गया। इसमें ग्राहकों को 24 घंटे बिजली पाने का अधिकार भी दिया गया है। अगर बिजली कंपनियां तय वक्त से ज्यादा कटौती करती हैं तो उन्हें ग्राहकों को मुआवजा देना होगा। नोटिफिकेशन के साथ ही नए नियम लागू भी हो गए हैं।
इन नियमों का उल्लंघन होने पर बिजली वितरण कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। इन नियमों के बारे में बिजली मंत्री आरके सिंह ने बताया कि देश की बिजली वितरण कंपनियां अब सेवा प्रदाता कंपनी हैं। बिजली ग्राहकों को दूसरे सेवा क्षेत्रों की तरह ही सारे अधिकार मिलेंगे। इन नियमों के जरिये हम आम जनता का सशक्तीकरण कर रहे हैं। केंद्र सरकार का अगला कदम इन नियमों के बारे में पूरे देश में प्रचार करना होगा। अगर डिस्काम जान-बूझकर इन नियमों का उल्लंघन करेगी, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। यह नियम 30 करोड़ बिजली ग्राहकों को फायदा पहुंचाएगा।
मुआवजा मिला तो बैंक अकाउंट में जमा होगा
रूल्स में इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूमर्स को नए या मौजूदा कनेक्शन में मोडिफिकेशन, मीटरिंग अरेंजमेंट, बिलिंग और पेमेंट समेत कई अधिकार दिए गए हैं। अगर बिजली कंपनियां समय पर सर्विस मुहैया नहीं करातीं तो उन्हें ग्राहकों को मुआवजा देना होगा। यह मुआवजा सीधे ग्राहकों के बैंक खाते में जमा होगा। मुआवजा तय करने का जिम्मा रेगुलेटरी कमीशन को सौंपा गया है। बिजली कंपनियों को ग्राहकों को 24 घंटे सप्लाई देनी होगी। हालांकि, एग्रीकल्चर समेत कुछ खास तरह के कनेक्शन वाले ग्राहकों को कम सप्लाई मिलेगी।
11 तरह के अधिकार सुनिश्चित
बिजली मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक बिजली ग्राहकों के कुल 11 तरह के अधिकार सुनिश्चित किए गए हैं। इसमें नए कनेक्शन लेने से लेकर मीटर लगाने, बिल भुगतान करने जैसे क्षेत्र भी शामिल हैं। सभी तरह का बिजली कनेक्शन लेने की अब ऑनलाइन सुविधा होगी।
तय समय में देना होगा कनेक्शन
ग्राहकों के आवदेन करने से सात दिनों के भीतर महानगरों में, 15 दिनों के भीतर नगर निकायों में और 30 दिनों के भीतर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कनेक्शन देना होगा। यह डिस्काम का दायित्व है कि उसके क्षेत्र में जिन ग्राहकों ने बिजली की मांग की है उसे पूरा किया जाए। कोई भी कनेक्शन बिना स्मार्ट प्री पेड या प्री पेड मीटर के नहीं दिया जाएगा। ग्राहकों को बिजली बिल का भुगतान ऑन लाइन भी देने का विकल्प देना होगा।
आयोग तय करेगा बिजली कटौती
बिजली नियामक आयोग सुनिश्चत करेगा कि किसी खास परिस्थिति में बिजली आपूर्ति की अवधि घटाई जा सकती है या नहीं। बिजली की कटौती किन परिस्थितियों में कितनी हो सकती है यह भी आयोग तय करेगा। बिल या मीटर से जुड़ी शिकायतों को दूर करने को लेकर भी आयोग नियम तय करेगा।