नई दिल्ली। दिवाली पर आम तौर पर लोग एक दूसरें को गिफ्ट देते हैं। अगर आपको भी दिवाली के मौके पर गिफ्ट मिलते हैं तो आपको अलर्ट रहने की जरूरत है वरना आप को इनकम टैक्स विभाग से नोटिस मिल सकता है। इनकम टैक्स के नियमों के तहत अगर आपको एक साल में 50 हजार रुपए से अधिक कीमत का गिफ्ट मिला है तो इस पर आपको टैक्स देना होगा। ऐसे में आपको इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय इस बात का ध्यान रखना होगा।
50 हजार से ज्यादा कीमत के गिफ्ट पर देना होता है टैक्स
मौजूदा नियमों के तहत अगर आपको एक साल में 50 हजार रुपए से अधिक कीमत का गिफ्ट मिलता है तो इस पर आपको टैक्स देना होगा। कई बार साल में कई मौकों पर आपको गिफ्ट मिलता है और हो सकता है कि इसकी कुल कीमत 50 हजार रुपए से अधिक हो। ऐसे में इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए। आपको इनकम टैक्स में 50 हजार रुपए से अधिक के गिफ्ट की जानकारी देनी होगी। अगर आप यह जानकारी इनकम टैक्स विभाग से छिपाते हैं आपको बाद में मुश्किल हो सकती है।
कैसे लगता है गिफ्ट पर टैक्स
आयकर कानून, 1961 के सेक्शन 56(2)(x) के तहत करदाता को मिले गिफ्ट्स पर कर देनदारी बनती है। टैक्स के दायरे में आने वाले गिफ्ट्स में ये चीजें शामिल हैं-
- चेक या कैश में मिली 50000 रुपए से ज्यादा की रकम।
- जमीन, बिल्डिंग आदि जैसी कोई भी अचल संपत्ति, जिसकी स्टांप ड्यूटी 50000 रुपए से ज्यादा हो।
- 50000 रुपए से ज्यादा की ज्वैलरी, शेयर, पेंटिंग्स या अन्य महंगी चीजें।
- अचल संपत्ति के अलावा 50000 रुपए से ज्यादा की कोई भी प्रॉपर्टी।
रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट पर नहीं लगता है टैक्स
अगर आपको अपने परिवार के सदस्यों से गिफ्ट मिलता है जिनके साथ आपको ब्लड रिलेशन है तो इस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता है। आप अपने परिवार के सदस्यों से कितनी भी कीमत का गिफ्ट ले सकते हैं या दे सकते हैं। यह टैक्सेबल नहीं है।
छूट के इस दायरे में आने वाले गिफ्ट इस तरह हैं-
- पति या पत्नी से मिला गिफ्ट।
- भाई या बहन से मिला गिफ्ट।
- पति या पत्नी के भाई या बहन से मिला गिफ्ट।
- माता-पिता के भाई या बहन से मिला गिफ्ट।
- विरासत या वसीयत में मिला गिफ्ट या प्रॉपर्टी।
- पति या पत्नी के किसी निकटतम पूर्वज या वंशज से मिला गिफ्ट।
- हिंदु अनडिवाइडेड फैमिली के मामले में किसी भी मेंबर से मिला गिफ्ट।
- लोकल अथॉरिटी जैसे पंचायत, म्यूनिसपलिटी, म्यूनिसपल कमेटी और डिस्ट्रिक्ट बोर्ड, कैंटोनमेंट बोर्ड से मिला गिफ्ट।
- सेक्शन 10 (23C) में किसी फंड/फाउंडेशन/यूनिवर्सिटी या अन्य एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन, हॉस्पिटल या अन्य मेडिकल इंस्टीट्यूशन, ट्रस्ट या इंस्टीट्यूशन से मिला गिफ्ट।
- सेक्शन 12A या 12AA के तहत रजिस्टर किसी चैरिटेबल या धार्मिक ट्रस्ट से मिला गिफ्ट।
एम्प्लॉयर से मिले तोहफे पर भी लगता टैक्स
अगर आपके एम्प्लॉयर से एक वित्त वर्ष में 5,000 रुपये मूल्य तक का मिला उपहार टैक्स फ्री होगा, लेकिन तोहफे की वैल्यु 5,000 रुपये से ज्यादा हुई तो अतिरिक्त रकम को आपकी सैलरी से हुई आमदनी मानी जाएगी और उस पर इनकम टैक्स देना होगा।