जयपुर। राजस्थान लोक सेवा के प्रदान की गारंटी अधिनियम-2011 और राजस्थान सुनवाई का अधिकार अधिनियम-2012 के तहत विभिन्न विभागों की 221 नागरिक सेवाओं को 30 मार्च 2021 तक ऑनलाइन प्लेटफार्म से जोड़ दिया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग की समीक्षा बैठक में इसके निर्देश दिए।
गहलोत ने सीएमआर पर वीडियो कांफ्रेंस के जरिए ही यह समीक्षा बैठक ली। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण सेवाओं की ऑनलाइन उपलब्धता सुनिश्चित करवाने के लिए सभी विभागों में नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं। गहलोत ने विभाग द्वारा विभिन्न राजकीय सेवाओं की ऑनलाइन डिलिवरी के लिए साॅफ्टवेयर, पोर्टल तथा ऐप सहित अन्य आईटी आधारित माॅड्यूल्स तैयार करने का काम आउटसोर्स करने के स्थान पर अपने ही विभाग के दक्ष एवं कुशल कार्मिकों से करवाने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने नियुक्तियों में अभ्यर्थियों के ऑनलाइन सत्यापन और प्रमाणीकरण, निर्माण कार्यों से जुड़े विभागों में टेंडर प्रक्रियाओं को ऑनलाईन करने, प्रत्यक्ष लाभ हस्तान्तरण (डीबीटी) व्यवस्था को सुदृढ़ करने, डिजिटल शिक्षा की पहुंच के विस्तार सहित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाने में विभिन्न आईटी प्लेटफार्म्स के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कहा।
सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के प्रमुख सचिव अभय कुमार ने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान मुख्यमंत्री, मंत्रियों तथा अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों के बीच आवश्यक समन्वय एवं दिशा-निर्देशों के लिए लगभग 2000 वीडियो काॅफ्रेंस से बैठकें भी आयोजित करवाई।