मुंबई पुलिस ने मराठी में लिखे बयान पर सुशांत की फैमिली से कराया जबरन साइन

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मुंबई। सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह के वकील विकास सिंह ने एक हैरान करने वाला दावा किया है। उनका कहना है कि सुशांत की फैमिली से मुंबई पुलिस ने जबरदस्‍ती की। सुशांत के परिवार से मराठी में लिखे एक बयान पर जबरन दस्‍तखत लिए गए हैं, ऐसे में परिवार को कोई जानकारी नहीं है कि उस बयान में क्‍या लिखा था।

बुधवार को विकास सिंह ने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस बुलाई थी। इसमें उन्‍होंने कहा, ‘परिवार ने यह कभी नहीं कहा है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत आत्‍महत्‍या थी। मुंबई पुलिस ने मराठी में उनके स्‍टेटमेंट रिकॉर्ड किए। परिवार ने इस पर आपत्त‍ि जताई थी कि आप मराठी में न लिखें, लेकिन पुलिस ने मराठी में ही पूरा बयान दर्ज किया और फिर उस पर साइन करवाए। परिवार को कोई जानकारी नहीं है कि उसमें क्‍या लिखा था।’

हमें नहीं पता पुलिस ने उसमें क्‍या लिखा’
वकील विकास सिंह ने यह भी कहा कि परिवार के साथ वह बयान शेयर नहीं किया गया, इसलिए हमें नहीं पता कि उस बयान में मुंबई पुलिस ने क्‍या लिखा। हमें बस इतना पता है कि हमने यानी सुशांत की फैमिली ने अपने बयान में क्‍या कहा है।

‘वह मराठी में लिखा गया था, बस’
जब वकील विकास सिंह से पूछा गया कि क्‍या बयान पर दस्‍तखत से पहले उसे हिंदी में पढ़कर परिवार को सुनाया गया था, इस पर उन्‍होंने कहा, ‘वह मराठी में लिखा गया था, बस। उसमें किसी के लिए भी कुछ भी पढ़कर सुनाने जैसा नहीं था। यदि आप मराठी में पढ़कर सुनाएंगे… यदि मैं कोई ऐसी भाषा लिखूं जो आपको नहीं आती तो मैं आपको पढ़कर वही सुनाऊंगा जो आपको मैं सुनाना चाहता हूं। यदि मुझे मराठी नहीं आती है, तो मैं यह कैसे पता कर सकूंगा कि आप जो कह रहे हैं और जो लिखा है वह एक ही है। यह सिंपल लॉजिक है।’

‘अब लगता है यह हत्‍या का मामला है’
विकास सिंह से पूछा गया कि क्‍या सुशांत की फैमिली को किसी पर कोई शक है, इस पर उन्‍होंने कहा, ‘जिस तरह से एफआईआर के बाद चीजें सामने आई हैं, परिवार को शक है कि यह हत्‍या का मामला भी हो सकता है। लेकिन हम इसे जांच का विषय मानते हैं और हमें पूरी उम्‍मीद है कि सीबीआई मामले के तह तक पहुंचेगी।’

14 जून को मौत, 25 जुलाई को एफआईआर
बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत की लाश 14 जून को मुंबई स्‍थ‍ित उनके फ्लैट के बेडरूम से मिली थी। 25 जुलाई को सुशांत के पिता केके सिंह ने पटना में रिया चक्रवर्ती और उनके परिजनों के ख‍िलाफ नामजद एफआईआर करवाई। इसमें हत्‍या के लिए उकसाने, पैसे हड़पने, बंधक बनाने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए। इस ममाले की जांच पहले मुंबई पुलिस कर रही थी, बाद में इसमें पटना पुलिस भी शामिल हुई। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को सीबीआई को सौंप दिया।

ईडी और नारकोटिक्‍स ब्‍यूरो भी कर रही है जांच
सुशांत मामले में अब सीबीआई के साथ ही प्रवर्तन निदेशायल और नारकोटिक्‍स ब्‍यूरो की टीम भी जांच कर रही है। इस केस में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। वहीं, रिपोर्ट्स यह भी बताते हैं कि सीबीआई को मामले में हत्‍या या आत्‍महत्‍या के लिए उकासाने के कोई सबूत अभी तक नहीं मिले हैं।