कोटा में कोरोना आंकड़ों में गड़बड़ और लॉकडाउन पर CM ने की अफसरों की खिंचाई

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कोटा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संभागीय आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षकों, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों और सीएमचओ की बैठक लेकर कोरोना नियंत्रण की समीक्षा की। इसमें कोटा में कोराना संक्रमण और लॉकडाउन के मुद्दे पर चर्चा हुई।

मुख्यमंत्री ने कोटा सीएमएचओ और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से कहा, आप तालमेल बनाकर कार्य क्यों नहीं कर रहे। कोटा से कोरोना के जारी आंकड़ों की संख्या को लेकर भी आपत्ति जताई। यह भी कहा कि इतने पॉजिटिव कैसे आए। आंकड़े अलग-अलग क्यों जारी हुए। सीएम गहलोत ने नाराजगी जताते हुए कहा, कोरोना को लेकर लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

कोरोना पॉजिटिव के आंकड़ों में भिन्नता होने पर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कोटा के अधिकारियों से कहा, आपके यहां से आंकड़े सही नहीं आ रहे हैं। इससे गफ लत होती है। भविष्य में कोरोना के आंकड़ों को लेकर सावधानी बरतें। पहले लॉकडाउन लगाए जाने और फि र दबाव में खोलने पर भी नाराजगी जाहिर की। कोटा जिला कलक्टर उज्जवल राठौड़ ने कहा, कोटा में नया ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तत्काल जरूरत है।

इस पर चिकित्सा मंत्री ने जयपुर से प्लांट लगाने वाली फर्म का प्रतिनिधि कोटा भेजकर 15 दिनों में नया ऑक्सीजन प्लांट लगाने पर सहमति दी। कलक्टर ने बताया कि कोटा में तीन निजी अस्पतालों के अधिग्रहण के बाद 110 आईसीयू बेड उपलब्ध हो गए हैं। इनमें रोगियों को भर्ती करना शुरू कर दिया है। फिलहाल बेड की दिक्कत नहीं है। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज ने 110 नए ऑक्सीजन सिलेंडर क्रय किए हैं और तीन दिन में 110 सिलेंडर की और आपूर्ति हो जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, यह ध्यान रखें कि कोविड केयर सेंटरों में भर्ती मरीजों के उपचार एवं उनसे संबंधित जानकारी परिजनों को आसानी से मिल सके। उपचार एवं अन्य व्यवस्थाओं को लेकर परिजनों को भटकना नहीं पड़े। इसके लिए हर सेंटर पर अनिवार्य रूप से हैल्प डेस्क की व्यवस्था हो। जिन सेंटरों पर यह व्यवस्था पहले से है, वहां उसे और सुदृढ़ बनाया जाए।

प्लाज्मा थैरेपी से गंभीर रोगियों का जीवन बचाने में मदद मिल रही है। स्वस्थ हुए कोविड रोगियों को प्लाज्मा दान करने के लिए प्रेरित करें। पर्याप्त संख्या में टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध है। चिकित्सा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि लोगों को टेस्ट रिपोर्ट की सूचना जल्द से जल्द मिले, ताकि पॉजिटिव रोगी को तत्काल आइसोलेट किया जा सके और संक्रमण फैलने का खतरा न रहे।