पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ रथ में सवार होकर आएंगे कर्मयोगी जूट गणेश

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गणेश महोत्सव में होगा कोराना योद्धाओं का सम्मान, बांटेगे जागरण पत्रक

कोटा। कर्मयोगी सेवा संस्थान की ओर से गणेश चतुर्थी पर 12 जूट से निर्मित प्रतिमा की स्थापना की जाएगी। संस्थान के संस्थापक राजाराम जैन कर्मयोगी ने बताया कि इस वर्ष विसर्जन की परंपरा को समाप्त करते हुए प्रतिमा सुरक्षित रखी जाएगी। उसी प्रतिमा को हर वर्ष गणेश महोत्सव पर स्थापित किया जाएगा। गणपति महोत्सव 12 सामाजिक संस्थाओं के संयुक्त संयोजन एवं कर्मयोगी सेवा संस्थान के नेतृत्व में संपन्न होगा।

स्थापित करने से पूर्व भगवान गणपति की प्रतिमा को पारंपरिक वाद्य यंत्रों की मधुर स्वर लहरियों के साथ रथ में सवार करके संस्था के पांच सदस्यों की उपस्थिति में लाया जाएगा। इस वर्ष से विसर्जन की परंपरा के समापन के साथ ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग भी निषेध कर दिया गया है। संस्था द्वारा 3 दिन रथ में सवार होकर कोरोना जन जागरण अभियान के माध्यम से नयापुरा चैराहे पर पुलिसकर्मियों, एमबीएस हॉस्पिटल के बाहर प्रमुख चिकित्सकों तथा वाल्मीकि भवन के बाहर सब्जीमंडी पर सफाईकर्मियों का सम्मान किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि ध्वनि विस्तारक यंत्रों का निषेध करते हुए पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ ही गणपति की आराधना की जाएगी। अनंत चतुर्दशी पर 12 सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि एक 1 लीटर से भरे हुए 12 पात्रों में विभिन्न जलाशयों से लाए गए जल अभिषेक करते हुए कार्यक्रम का समापन करेंगे। नगर भ्रमण के दौरान कोरोना से बचाव के लिए जागरण पत्रक वितरित किए जाएंगे।