संभाग भर में फूटा किसानों का गुस्सा, बारिश के बीच निकाला चेतावनी मार्च

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फाइल फोटो
  • राज्य सरकार को दी चेतावनी, विधायकों को दिए ज्ञापन
  • भारतीय किसान संघ का जिला कलेक्ट्री पर प्रदर्शन

कोटा। भारतीय किसान संघ की ओर से मंगलवार को कोरोना गाइडलाइन का ध्यान रखते हुए चेतावनी मार्च निकाला गया। जिसके तहत संभाग भर में आसमान से बरसती बूंदों के बीच किसानों का गुस्सा फूटा। मीडिया प्रभारी आशीष मेहता ने बताया कि संभाग के कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ में जिला केन्द्रों पर किसानो ने प्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया।

वहीं स्थानीय विधायकों और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अन्तिम चेतावनी भी दी। कोटा जिले के किसानों ने भी सर्किट हाऊस पर एकत्र होकर चेतावनी मार्च निकाला। जिसमें नारेबाजी करते किसानों ने सरकार की नीतियों को जमकर कोसा। कोटा में मंत्री शांति कुमार धारीवाल और विधायक कल्पना देवी को ज्ञापन सौंपकर किसानोंने अपनी मांगें रखी।

जिलाध्यक्ष गिरीराज चौधरी तथा प्रचार प्रमुख रूपनारायण यादव ने बताया कि कोटा जिले की विभिन्न तहसीलों से कार्यकर्ता प्रदर्शन करने पहुंचे थे। सर्किट हाऊस से किसान नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्री पहुंचे। जहां पहले कलेक्टरी सर्किल पर धरना दिया। इसके बाद ‘कौन बनाता हिन्दुस्तान, भारत का मजदूर किसान, जब तक दुखी किसान रहेगा, धरती पर तूफान रहेगा, राज्य सरकार होंश में आओ…’’ सरीखे गगनभेदी नारों के साथ चेतावनी मार्च निकाला। कलेक्ट्रेट पर पहुंचने पर विभिन्न वक्ताओं ने संबोधित किया।

प्रान्तीय महामंत्री जगदीश कलमंडा ने संबोधित करते हुए कहा कि सामान्य रूप् से किसी बीमे का क्लेम 15 दिन में मिल जाता है, लेकिन किसानों को 2019 के फसल खराबे पर प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ साल भर बाद भी नहीं मिल पाया है। वहीं जिन किसानों को मुआवजा मिला है वह भी 300-500 रूप्ए के रूप् में मिला है। यह किसानों का अपमान है और ऊंट के मुंह में जीरा है।

उन्होंने कहा कि बिजली के बिला में किसानों का शोषण किया जा रहा है। बिलों पर मिलने वाला 10 हजार का अनुदान कर अतिरिक्त चार्ज लगा दिया गया है। गेहूं की सरीदी 2200 की जगह 1600 रूप्ए प्रति क्विण्टल पर की गई है। किसानों ने कोरोना काल में सरकार का भरपूर सहयोग किया, लेकिन सरकार किसानों का शोषण करने में लगी है।

संभागीय उपाध्यक्ष शंकरलाल नागर ने कहा कि सरकार की कुंभकर्णी नींद नहीं टूटी तो अब आन्दोलन का दायरा बढाया जाएगा। संभागीय प्रवक्ता आशीष मेहता ने बताया कि अब संभाग भर के किसान उग्र आन्दोलन करने को मजबूर हैं। यदि सरकार किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज करती हैं तो आगामी 21 अगस्त को संभाग भर में कृषि मंडिया, दूध-डेयरी, फल-सब्जी मंडियों में व्यापार बंद कराकर प्रदर्शन करते हुए किसान राजधानी जयपुर की ओर कूच करेंगे।

प्रदर्शन में प्रान्त महामंत्री जगदीश कलमंडा, संभागीय उपाध्यक्ष शंकरलाल नागर, जिलाध्यक्ष गिरीराज चैधरी, जिला उपाध्यक्ष मुकुट नागर, प्रचार प्रमुख रूपनारायण यादव, खातौली अध्यक्ष जगदीश गुर्जर, इटावा अध्यक्ष रामेश्वर मीणा, सुल्तानपुर अध्यक्ष शिवराज योगी, दीगोद अध्यक्ष कजोड़ीलाल, लाड़पुरा अध्यक्ष राजेन्द्र नागर, महानगर अध्यक्ष महावीर नागर, कनवास अध्यक्ष अश्विनी जैन, सांगोद तहसील अध्यक्ष योगेन्द्र मेहता, रामगंजमंडी तहसील अध्यक्ष कन्हीराम गुर्जर, चेचट तहसील अध्यक्ष भैरूलाल अहीर समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और किसान मौजूद रहे।