नई दिल्ली। अमेरिकी आर्थिक सुधार के उभरते संकेतों एवं रूस का कोरोना टिका आने की खबरों से सोना टूट गया और घरेलू वायदा बाजार मे 56000 रुपये के स्तर से गिर कर 50000 रुपये प्रति दस ग्राम के निचले स्तर को छू लिया। चाँदी के भाव भी पिछले सप्ताह 76200 रुपये प्रति किलो से टूट कर 61000 रुपये तक पहुंच गए। निचले स्तर से सुधार देखा गया और सोने के भाव 52500 रुपये प्रति दस ग्राम तथा चाँदी के भाव 68500 रुपये प्रति किलो पर रहे।
डॉलर की कीमत में उछाल ने भी सोने पर दबाव डाला है, लेकिन अमेरिका में कोवीड-19 प्रोत्साहन उपायों के लिए बातचीत के निलंबन ने सोने की गिरावट को कम कर दिया। डॉलर में बिकवाली का दबाव घट गया है और इसमें तेज़ी की सम्भावना है। ऐसे संकेत भी हैं कि आर्थिक सुधार चल रहा है, जो सोने की मांग पर भी असर डाल रहा है। अमेरिका ने गुरुवार को पिछले सप्ताह के लिए 963,000 बेरोज़गारी दावों की सूचना दी जिसमे सुधार दर्ज किया गया है।
गुरुवार को अपने सत्र की समाप्ति के बाद, अमेरिकी सीनेट इस महीने वापस नहीं आएगी जब तक वार्ताकार कोवीड-19 प्रोत्साहन उपायों के समझौते पर तैयार नहीं होते हैं। अगले दौर की वार्ता पर एक गतिरोध की संभावना भी दिख रही है, क्योंकि डेमोक्रेट और रिपब्लिकन ने कहा कि वे समझौते से दूर हैं।इस समझौते मे प्रगति की कमी सोने को 2,000 डॉलर प्रति औंस के स्तर तक वापस लाने में मदद कर सकती है।
अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड और तेज़ होते डॉलर के विरुद्ध सोना कॉमेक्स लगभग 200 डॉलर टूटने के बाद सप्ताह के अंत मे थोड़ा सुधार हुआ। कॉमेक्स सोने और चाँदी मे तीन प्रतिशत की साप्तहिक मंदी दर्ज की गई है। सोने की कीमतें अन्य जोखिम परिसंपत्तियों के मुकाबले ज्यादा कारोबार कर रही हैं।
आगामी सम्भावना: इस सप्ताह अक्टूबर वायदा सोने के भाव मंदी मे रह सकते हैंं और इसमेंं 51500 रुपये के ऊपरी स्तर पर प्रतिरोध है। चाँदी सितंबर वायदा के भाव मेंं भी मंदी रहने की सम्भावना है और इसमें 66000 रुपये पर समर्थन और 72000 रुपके पर प्रतिरोध है।