जयपुर। राजस्थान में 32 दिन से चल रहा सियासी संग्राम आखिर थम गया। साथ ही सरकार पर मंडरा रहा संकट भी फिलहाल टल गया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी व महासचिव प्रियंका गांधी से सोमवार को मुलाकात के बाद बागी नेता सचिन पायलट और उनके साथी 18 अन्य विधायक मान गए। पायलट को आश्वासन दिया गया है कि उनके व अन्य बागी विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। इस दौरान मुख्यमंत्री पद, बागी विधायकों को उनके पद दोबारा देने और कमेटी गठित करने जैसे समझौतों पर भी बात हुई।
वहीं, अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीएम गहलोत से भी बात की। रात करीब साढ़े 10 बजे प्रियंका और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ वॉर रूम में बैठक के बाद पायलट ने कहा- ‘मेरे खिलाफ बहुत कुछ कहा गया। मैंने आलाकमान को सब बताया है। मुझे खुशी है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी ने मेरी बात सुनी। और कहा कि इनका समाधान होगा। पिछले कुछ समय से हमारे साथी विधायक दिल्ली आए हुए थे। हम लोगों के सरकार और संगठन के कई मुद्दे थे जिन पर हम बात करना चाहते थे।
व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए कुछ ऐसी बातें बोली गईं जिस पर मुझे आश्चर्य हुआ। मुझे भरोसा दिया गया है कि तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर जल्द ही उन तमाम मुद्दों का निराकरण किया जाएगा, जो हमने उठाए हैं। पायलट ने यह भी कहा कि पार्टी पद देती है तो पद ले भी सकती है।’ वहीं, सूत्रों के मुताबिक राजस्थान प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे को हटाने और संगठन में बदलाव पर भी बात हुई।
पायलट की आलाकमान से मुलाकात के बाद उनके गुट के विधायक भंवर लाल शर्मा भी जयपुर पहुंचे और मुख्यमंत्री गहलोत से मिले। इस मुलाकात में उन्होंने कहा कि आप सोचिए 15-20 आदमियों से नेतृत्व परिवर्तन होता है क्या? पार्टी तो बहुमत से चलती है और मैं बहुमत के साथ हूं।
क्या सरकार पर खतरा अभी बरकरार है?
सचिन की वापसी से अभी सरकार पर संकट टल गया है। गहलोत खेमे के 102 व सचिन गुट के 22 मिलाकर संख्या 124 हो गई है। लेकिन गहलोत खेमे के 100 विधायक 12 अगस्त तक जैसलमेर में ही रहेंगे। साफ है कि सरकार नहीं मान रही कि खतरा खत्म हो गया।