कोटा। कोटा में पहला प्लाज्मा चढ़ाने वाला मरीज स्वस्थ होने के बाद वे स्वस्थ हो गए। उनकी 30 जुलाई को छुट्टी कर दी गई। छुट्टी के समय बुजुर्ग के चेहरे पर खुशी नजर आई। आईसीएमआर से अनुमति मिलने के बाद 20 जुलाई से कोटा मेडिकल कॉलेज में कोरोना काल में प्रदेश के जयपुर के बाद कोटा में प्लाज्मा थैरेपी से मरीजों का इलाज शुरू हुआ था।
23 जुलाई को गुमानपुरा निवासी 60 वर्षीय बुजुर्ग को प्लाज्मा थैरेपी चढ़ाई गई थी। उस समय उनकी स्थिति काफी गंभीर थी। उन्हें कोविड़ के साथ न्यूमोनिया भी था। प्लाज्मा थैरेपी के बाद 30 जुलाई को मरीज स्वस्थ हो गया। उसकी छुट्टी कर दी गई।
पहले डोनर डॉ. साकेत
पहले डोनर बनने के लिए कोरोना से स्वस्थ हुए कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. साकेत गोयल आगे आए थे। डॉ. गोयल इस अभियान का हिस्सा बनकर सबसे पहले वॉलंटरी डोनर बनने का फैसला लिया है। उसके बाद प्लाज्मा डोनर (Plasma Donation) का पहले कोरोना टेस्ट किया गया। उसके बाद डॉ. साकेत का ब्लड बैंक में प्लाज्मा लिया गया। 23 जुलाई को मरीज को प्लाज्मा चढ़ाया गया।
अभियान की सराहना
एमबीएस अस्पताल के ब्लड बैंक में पहुंचे प्लाज्मा डोनर्स का स्वागत रेड कारपेट बिछा कर व पुष्पवर्षा से किया गया था। अभियान में जिला कलक्टर उज्जवल राठौड़ व ग्रामीण एसपी शरद चौधरी ने सराहना की थी। उसके बाद हाड़ौती विकास मोर्चा और टीम रक्तदाता ने कोरोना से स्वस्थ होकर लौटे मरीजों से सम्पर्क किया और इस अभियान को गति दी थी । उसके बाद अब तक 7 जनों को प्लाज्मा चढ़ाया जा चुका है। जबकि 9 डोनेट हो चुके है।