नई दिल्ली / कोटा। भारत समेत कई देशों में रविवार को सूर्य ग्रहण देखा गया। सुबह 9.16 बजे ग्रहण शुरू हुआ।भारत में यह सबसे पहले सुबह 10.01 बजे मुंबई-पुणे में दिखा। दिल्ली, राजस्थान, जम्मू और गुजरात समेत देश के कई हिस्सों में ग्रहण देखा गया। पड़ोसी देशों पाकिस्तान और नेपाल में भी ग्रहण देखा गया। कई जगहों पर खंडग्रास (आंशिक) सूर्यग्रहण के रूप में दिखाई दिया। ये साल का पहला और आखिरी सूर्य ग्रहण था।
21 जून यानी आज सूर्य ग्रहण घटित हुआ। यह सूर्य ग्रहण आषाढ़ अमावस्या के दिन मिथुन राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लगा। मिथुन बुध ग्रह की राशि है और मृगशिरा नक्षत्र का स्वामी मंगल ग्रह है। सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार सुबह 10 बजकर 15 मिनट के करीब शुरू हुआ, जो दोपहर 3 बजकर 4 मिनट पर समाप्त हो गया। यह लंबी अवधि का सूर्य ग्रहण है। यह सूर्य ग्रहण वलयाकार था जो रिंग ऑफ फायर की तरह दिखाई दिया।
इसके बाद अगला सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर 2022 को भारत में दिखेगा। उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में चंद्रमा, सूर्य को 98.6% तक ढक देगा, जिससे ये कंगन जैसी आकृति का दिखाई देगा। ज्योतिष ग्रंथों में इसे कंकणाकृति सूर्य ग्रहण कहा गया है।
दिल्ली में सुबह से तो मौसम सामान्य ही था, लेकिन ग्रहण का समय शुरू होते ही धीरे-धीरे आसमान का नजारा बदलने लगा। दोपहर के 12 बजे के करीब दिल्ली व आसपास के इलाकों में शाम की तरह अंधेरा छा गया। कोटा में सर्यग्रहण करीब दोपहर 12 बजे चन्द्रमा जैसा दिखाई दिया। दोपहर 12.35 बजे अर्द्ध चन्द्रमा की तरह दिखाई दिया।
उत्तराखंड के देहरादून में आसमान में सूर्य ग्रहण के दौरान बनता रिंग ऑफ फायर की तरह नजर आया।पाकिस्तान के कराची में सूर्य ग्रहण देखा गया। पाकिस्तान के मौसम विभाग के अनुसार, सूर्य ग्रहण, जो स्थानीय समयानुसार सुबह 8:46 बजे शुरू हुआ, 11:40 बजे सबसे बड़े ग्रहण के साथ 2:34 बजे समाप्त हुआ।