नई दिल्ली। अभी तक तो स्मार्ट स्पीकर, स्मार्ट टीवी और स्मार्टफोन के जरिए लोगों की जासूसी हो रही थी, लेकिन अब कमरे में लगे बल्ब के जरिए भी कोई आप पर निगरानी रख सकता है। एक नई शोध में इस बात का खुलासा हुआ है। यह शोध बेन-गुरियन यूनिवर्सिटी ऑफ द नेगेव और वेइजमैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस इन इस्रायल के शोधकर्ताओं ने किया है।
अध्ययन में, यह पाया गया कि यदि कोई एक पारंपरिक बल्ब के करीब बातचीत कर रहा है तो 25 मीटर की दूरी पर बैठा तीसरा शख्स उसकी बातों को सुन लकता है। इस विधि को लैमफोन के रूप में लेबल किया गया है। इस विधि में बल्ब की रौशनी की फ्रिक्वेंसी को डीकोड किया गया है। अभी तक किसी की निजी बातों को सुनने के लिए हैकर्स स्मार्ट डिवाइस का इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब यह एक साधारण बल्ब के जरिए भी संभव है।
शोध के मुताबिक लैमफोन आवाज को इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सेंसर के जरिए पकड़ता है। सेंसर को बल्ब पर सीधे तौर पर फोकस किया जाता है। इसके बाद एक टेलीस्कोप की मदद ली जाती है जो कि वॉयस टू टेक्स्ट की तरह काम करता है। बल्ब के जरिए लोगों की बातों को सुनने का रेंज एक शक्तिशाली माइक्रोस्कोप की मदद से बढ़ाया भी जा सकता है।
इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर बल्ब की सतह पर होने वाली सूक्ष्म कंपन का विश्लेषण करता है। इसके बाद ऑप्टिकल सिग्नल से ऑडियो सिग्नल को एक एल्गोरिदम के जरिए अलग किया जाता है। फिर को आउटपुट को एक वॉइस-टू-टेक्स्ट एप्लिकेशन के माध्यम से प्रेषित किया जाता है, जो बदले में बातचीत का अंतिम परिणाम देता है।