मोदी सरकार का बड़ा फैसला, 2021 तक नई योजनाओं पर रोक

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मुंबई। कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से सुस्त नजर आ रही देश की अर्थव्यवस्था को देखते हुए मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने नई योजनाओं की शुरुआत पर रोक लगा दी है। वित्त मंत्रालय ने विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा मार्च 2021 तक स्वीकृत नई योजनाओं की शुरुआत को रोक दिया है। यह आदेश उन योजनाओं पर भी लागू होगा जिनके लिए वित्त मंत्रालय के खर्च विभाग ने सैद्धांतिक मंजूरी दे रखी है।

आत्मनिर्भर भारत और गरीब कल्याण योजना पर असर नहीं
सरकार के इस फैसले का असर आत्मनिर्भर भारत और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनाओं पर नहीं पड़ेगा। इन पर कोई रोक नहीं रहेगी। सरकार की ओर से जारी आदेश में साफतौर पर कहा गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना या आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत घोषित योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करें। वित्त मंत्रालय के खर्च (व्यय) विभाग की ओर से 4 जून को जारी आदेश में कहा गया, ‘कोरोना महामारी के मद्देनजर सार्वजनिक वित्तीय संसाधनों की मांग है। बदलती प्राथमिकताओं के साथ संसाधनों का सही तरीके से उपयोग करने की आवश्यकता है।

2020-21 में पहले से स्वीकृत योजना निलंबित
इस आदेश में कहा गया कि स्थायी वित्त समिति प्रस्तावों (500 करोड़ रुपये से उपर की योजना) सहित वित्तीय वर्ष 2020-21 में पहले से ही स्वीकृत नई योजनाओं की शुरुआत एक वर्ष तक निलंबित रहेगी। खर्च बढ़ने के साथ-साथ सरकार को संसाधनों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। लेखा नियंत्रक जनरल (सीएजी) के अनुसार, अप्रैल में कुल राजस्व प्राप्तियां 27,548 करोड़ रुपए या बजट अनुमान का 1.2 प्रतिशत थीं। कुल खर्च 3.07 लाख करोड़ रुपए या बजट अनुमान का 10 प्रतिशत से अधिक था।

4 लाख करोड़ रुपए कर्ज लेने का फैसला
इसके साथ ही वित्त वर्ष के पहले महीने में अनुमानित राजकोषीय घाटे का एक तिहाई से अधिक समय पहले ही समाप्त हो चुका है। इसके अलावा, सरकार ने 4 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लेने का फैसला किया है। डीओई मेमो के अनुसार, वित्त वर्ष 21 के लिए पहले से ही मूल्यांकन की गई नई योजनाओं का शुभारंभ 31 मार्च, 2021 तक या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, एक वर्ष के लिए निलंबित रहेगा। यह उन योजनाओं पर भी लागू होता है जिनके लिए डीओई द्वारा सैद्धांतिक मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है।

इन योजनाओं को लागू किया जाएगा
मेमो में कहा गया है, “किसी योजना/उप योजना के लिए कोई नया प्रस्ताव, चाहे एसएफसी (Standing Finance Committee) प्रस्ताव सहित प्रशासनिक मंत्रालय को डेलिगेटेड पावर्स हों या ईएफसी (Expenditure Finance Committee) के माध्यम से, इस वर्ष प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना या आत्मा निर्भर भारत अभियान पैकेज और किसी अन्य विशेष पैकेज के तहत घोषित प्रस्तावों को छोड़कर शुरू नहीं किया जाना चाहिए।

जनवरी के आदेश के तहत चल रही सभी योजनाओं को लागू किया जाएगा जिसमें 31 मार्च, 2020 तक या 15वें वित्त आयोग की सिफारिशें लागू होने तक, जो भी पहले होंगी। यह उन सभी योजनाओं पर लागू होगा, जहां कार्यक्षेत्र, प्रकृति और कवरेज में अतिरिक्त किसी लागत के कोई बदलाव नहीं होता है। इसमें कहा गया है कि 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों को स्वीकार किए जाने के बाद वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2026 की अवधि के लिए सतत योजनाओं का मूल्यांकन और अनुमोदन किए जाने की आवश्यकता है। यह भी मूल्यांकन और परिणाम की समीक्षा पर निर्भर करेगा।