गूगल मैप्स पर एक कोड से पता चल जाएगी आपकी लोकेशन

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नई दिल्ली। ट्रैवलिंग और नेविगेशन के लए लगभग हर कोई गूगल मैप्स ऐप की मदद लेता है और डेली ट्रांसपोर्ट के लिए भी यह पसंदीदा ऐप बन चुका है। इस ऐप को यूज करना हमेशा से ही सिंपल रहा है, हालांकि गूगल एक के बाद एक नए फीचर्स ऐप में ऐड करता रहता है, जिससे बेहतर यूजर एक्सपीरियंस मिल सके। इसके अलावा लोकेशन शेयरिंग फीचर का इस्तेमाल भी अब काफी बढ़ा है और यूजर्स बाकियों के साथ अपनी लोकेशन इसकी मदद से शेयर कर सकते हैं।

इंटरनेट सर्च इंजन कंपनी की ओर से अब नया फीचर गूगल मैप्स यूजर्स को दिया जा रहा है और इसका नाम ‘Plus Codes’ है। इन कोड्स की मदद से यूजर्स आसानी से अपना अड्रेस या कोई लोकेशन दूसरों के साथ शेयर कर पाएंगे। इसमें यूजर्स के लोकेशन पॉइंट (लैटीट्यूड और लॉन्गीट्यूड) के हिसाब से छह डिजिट का एक कोड तैयार हो जाएगा, जिसे शेयर किया जा सकेगा। ऐसे में उन जगहों पर भी लोग आसानी से पहुंच सकेंगे, जिनके लिए प्रॉपर स्ट्रीट अड्रेस या फ्लैट नंबर नहीं दिए गए हैं।

कोड से मिलेगी लोकेशन
ऐंड्रॉयड यूजर्स के लिए नया फीचर अगले कुछ सप्ताह में रोलआउट कर दिया जाएगा। इसे इस्तेमाल करने के लिए मैप्स ऐप का लेटेस्ट वर्जन आपको इंस्टॉल करना होगा। यूजर्स को उनका पर्सनल ‘Plus Code’ मैप पर अपनी लोकेशन के लिए दिखाए जा रहे ब्लू डॉट पर टैप करने पर दिखाई देगा। इस कोड को किसी के साथ शेयर किया जा सकेगा और गूगल मैप्स के अलावा गूगल सर्च विंडो में भी यह कोड एंटर करने पर आपकी लोकेशन सामने वाले को मिल जाएगी।

ऑफलाइन भी मिलेंगे कोड
गूगल ने कहा, ‘एक प्लस कोड सिंपल अल्फान्यूमेरिक कोड है, जिसे किसी लोकेशन के साथ कंबाइन किया जा सकता है। ये किसी रेग्युलर अड्रेस की तरह ही हैं लेकिन एक शॉर्ट कोड की शक्ल में होते हैं।’ अगर यूजर किसी और लोकेशन का प्लस कोड पता करना चाहे, जहां पर वह मौजूद नहीं है तो मैप पर एक पिन ड्रॉप करने के बाद किसी लोकेशन का प्लस कोड पता किया जा सकेगा। गूगल का कहना है कि प्लस कोड ऑफलाइन भी उपलब्ध होंगे और यह सिस्टम ओपन सोर्स टेक्नॉलजी पर बेस्ड है।