संसद की मंजूरी मिलते ही नई शिक्षा नीति का मसौदा होगा लागू

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नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि नई शिक्षा नीति का मसौदा तैयार हो गया है। संसद से मंजूरी मिलते ही नई शिक्षा नीति देश में लागू हो जाएगी। दुनिया में इतने बड़े विचार-विमर्श के बाद यह पहली ऐसी शिक्षा नीति होगी। इसमें करोड़ों लोग शामिल हुए है।

इस शिक्षा नीति में गांव पंचायत, शिक्षाविदों, राजनेताओं, वैज्ञानिकों, छात्र और अभिभावकों से भी राय ली गई है। देश एक तरफ कोरोना से लड़ रहा था तो लॉकडाउन में शिक्षक ऑनलाइन छात्रों को पढ़ाने में व्यस्त थे। दूरदर्शन और रेडियों के माध्यम से शहरों के साथ ग्रामीण इलाकों के छात्रों तक ऑनलाइन शिक्षा पहुंचाई जाएगी।

केंद्रीय मंत्री ने यह बात देश के सभी 45 हजार कॉलेज प्रबंधन, शिक्षकों के साथ चुनौतियों को अवसर के रूप में बदलना विषय पर आयोजित लाइव वेबिनार में कही। निशंक ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य है। इसलिए इनको अच्छी शिक्षा और इनकी सुरक्षा हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। ऐसी मुश्किल हालात में शिक्षकों के चलते ही छात्र शिक्षा से जुड़े रहे। असल मायने में शिक्षक भी कोरोना वॉरियर हैं। अगर किसी शिक्षक को किसी प्रकार की शिकायत या दिक्कत हो तो वह यूजीसी के शिकायत प्रकोष्ठ से सम्पर्क करें। इसके अलावा मंत्रालय से भी संपर्क कर सकते हैं।

स्वयंप्रभा चैनल दुनिया का सबसे बड़ा शिक्षा प्लेटफार्म
निशंक ने कहा कि हमने ऑनलाइन शिक्षा को काफी मजबूत बनाया है और स्वंयप्रभा चैनल दुनिया का सबसे बड़ा शिक्षा प्लेटफार्म बन गया है। दीक्षा और ई-पाठशाला जैसे प्लेटफार्म हैं ही। लेकिन इसके बाद भी दूर दराज इलाके में रहने वाले छात्रों को नेट की और मोबाइल नेटवर्क की समस्या है तो हम उन्हें दूरदर्शन से टीवी के माध्यम से जोड़ रहे हैं। रेडियो के माध्यम से भी उन्हें शिक्षा प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि अंतिम छोर पर रहने वाला कोई छात्र पढ़ाई से वंचित नही रहेगा।

फाइनल ईयर के छात्रों को देनी होगी परीक्षा
निशंक ने कहा कि पहले वर्ष के छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार और दूसरे वर्ष के छात्रों को पहले वर्ष के रिजल्ट के 50 फीसदी और 50 फीसदी आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर पास किया जाएगा। सिर्फ फाइनल ईयर के छात्रों को परीक्षा देनी होगी। हालांकि, जुलाई या अगस्त में जब भी परीक्षा होगी, उस दौरान सामाजिक दूरी का पूरा ध्यान रखा जाएगा।