जयपुर। राजस्थान में राज्य सरकार 21 अप्रैल से लॉकडाउन में कुछ राहत देने जा रही है। बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लॉकडाउन को लेकर सीनियर अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें मौजूदा लॉकडाउन को थोड़ा मॉडिफाइड करने पर सहमति बनी है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के हॉटस्पॉट बने इलाकों में स्थिति बेहतर होने तक कर्फ्यू लागू रहेगा। साथ ही, इन क्षेत्रों में रहने वाले कर्मचारी या अन्य लोग ऑफिस नहीं जाएंगे।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों और औद्योगिक क्षेत्रों में 21 अप्रैल से औद्योगिक इकाइयों को शुरू किया जाएगा, ताकि प्रदेश में मौजूद प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिल सके। शहरी क्षेत्रों में ऐसे उद्योग जहां पर श्रमिकों के लिए कार्य स्थल पर रहने की सुविधा है, उन्हें भी शुरू किया जाए। हालांकि इनमें बाहर से मजदूरों के आवागमन की अनुमति नहीं होगी।
सभी जिलों के कलेक्टर, रीको, जिला उद्योग केंद्र तथा पुलिस को इस संबंध में समन्वय कर नियमों का उल्लंघन न हो इसे सुनिश्चित करेगी। साथ ही, लॉकडाउन के दौरान उद्योगों को शुरू करने में दिक्कत न आए, इस बारे में भी पुख्ता व्यवस्था करेगी। उद्यमी किसी प्रकार की आवश्यकता होने पर संबंधित अधिकारी से सम्पर्क कर सकें। साथ ही मजदूरों तथा कर्मचारियों के आने-जाने के लिए पास की व्यवस्था की जाएगी।
सभी सरकारी ऑफिस खुलेंगे
मुख्यमंत्री ने सभी सरकारी ऑफिस को भी चरणबद्ध तरीके से खोलने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मौजूद वक्त में जरूरी सेवाओं से जुड़े विभाग काम कर रहे हैं। लेकिन, आने वाले दिनों में सभी ऑफिस में काम शुरू किया जाएगा। इनमें ग्रुप-ए और ग्रुप-बी के अधिकारियों की उपस्थिति आवश्यकतानुसार सुनिश्चित की जाए। साथ ही ग्रुप-सी और ग्रुप-डी के एक-तिहाई कर्मियों को भी ही सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए बुलाया जाए।
सार्वजनिक निर्माण और सिंचाई के काम शुरू होंगे
इसके साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक निर्माण और सिंचाई से संबंधित काम शुरू किए जाएंगे, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग और प्रोटोकॉल को फॉलो किया जाएगा। मनरेगा का काम भी फिर से शुरू किया जाएगा, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के मजदूरों को रोजगार मिल सके।