नई दिल्ली। कोरोना वायरस के चलते हुए देशव्यापी लॉकडाउन के विकट समय में लोगों की मुश्किलों को कम करने के लिए गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक लाख 70 हजार करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया है। जिसमें EPF नियमों में बदलाव भी शामिल है। कर्मचारी भविष्य निधि सब्सक्राइबर्स अब अपने पीएफ अकाउंट बैंलेंस का 75 फीसद या तीन महीने के वेतन के बराबर रकम में जो भी कम हो उसकी निकासी कर सकते हैं।
यह निकासी नॉन-रिफंडेबल एडवांस के रूप में होगी। वित्त मंत्री की इस घोषणा से करीब 4.8 करोड़ कर्मचारियों को फायदा होगा। विशेषज्ञों ने वित्त मंत्री की इस घोषणा का स्वागत किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस घोषणा से कर्मचारियों को लिक्विडिटी की समस्या का सामना करने में मदद मिलेगी। इससे पहले नॉन-रिफंडेबल एडवांस को घर खरीदने, शादी और बीमारी जैसी कुछ परिस्थितियों में ही निकाला जा सकता था।
साथ ही इसके लिए कर्मचारी को न्यूनतम सेवा अवधि को भी पूरा करना होता था। वित्त मंत्री की इस घोषणा से कर्मचारी अपने पीएफ बैलेंस की 75 फीसद राशि या तीन महीने के वेतन में जो भी कम रकम हो उसकी निकासी कर सकेंगे। वित्त मंत्री ने इसके अलावा एक और बड़ी घोषणा की है।
तीन माह का पीएफ अंशदान सरकार देगी
वित्त मंत्री ने 100 से कम कर्मचारियों वाली छोटी कंपनियों के नियोक्ता और कर्मचारियों के पीएफ का हिस्सा तीन महीनों तक सरकार द्वारा वहन करने का ऐलान किया है। इसमें नियोक्ता के 12 फीसद और कर्मचारी के 12 फीसद अर्थात कुल 24 फीसद हिस्सा सरकार द्वारा ही वहन किया जाएगा। यह राहत उन कंपनियों के लिए है, जिसमें 100 से कम कर्मचारी हैं और उसके 90 फीसद से कम कर्मचारियों की सैलरी 1,5000 रुपये से कम हो।