नई दिल्ली। कोरोना वायरस की मार के चलते पूरी दुनिया के कारोबार पर असर पड़ रहा है। कच्चे तेल की कीमतें भी लगातार गिर रही हैं। इसी बीच मोदी सरकार ने डीजल-पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 3 रुपए बढ़ा दी है। इस बढ़ोत्तरी के बाद से ही लोगों में एक डर फैल गया है कि अब डीजल-पेट्रोल की कीमतें बढ़ जाएंगी, लेकिन राहत की बात ये है कि ऐसा नहीं होगा। दरअसल, कच्चे तेल की कीमतें गिरने की वजह से डीजल-पेट्रोल के दाम भी कम होने थे, लेकिन सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर उन्हें स्थिर रखा है और मुनाफा सरकारी खजाने में रखने का फैसला किया है।
पहले समझिए क्या है एक्साइज ड्यूटी
एक्साइज ड्यूटी एक तरह का टैक्स है, जो भारत के अंदर कोई प्रोडक्ट प्रोड्यूस करने या उसे बेचने पर लगाया जाता है। सरकार इस पैसे से रेवेन्यू जनरेट करती है और फिर उससे समाज कल्याण के काम करती है। ध्यान रहे कि यह कस्टम ड्यूटी से बिल्कुल अलग है, जो बाहर से देश में आने वाली चीजों पर लगता है। अब सरकार ने डीजल-पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 3 रुपए बढ़ाई है, यानी अब उसकी कमाई प्रति लीटर डीजल-पेट्रोल 3 रुपए बढ़ जाएगी।
डीजल-पेट्रोल की कीमत में क्या-क्या शामिल
अगर देखा जाए तो पिछले दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में तगड़ी गिरावट आई है। साल के शुरुआत में कच्चा तेल 67 डॉलर प्रति बैरल यानी 30.08 रुपए प्रति लीटर था। अब 12 मार्च के हिसाब से देखें तो कच्चे तेल की कीमत 38 डॉलर प्रति बैरल यानी 17.79 रुपए प्रति लीटर हो गई है। हालांकि, डीजल-पेट्रोल की कीमतें उतनी कम नहीं हुई हैं। आइए जानते हैं 3 रुपए एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से पहले तक कैसे तय हो रही थी डीजल-पेट्रोल की कीमत।
पेट्रोल (रुपए/लीटर) | डीजल (रुपए/लीटर) | |
कच्चे तेल की कीमत | 17.79 | 17.79 |
तेल कंपनियों का चार्ज | 13.91 | 17.55 |
एक्साइज ड्यूटी+रोड सेस | 19.98 | 15.83 |
पेट्रोल पंप मालिक कमीशन | 3.55 | 2.49 |
वैट | 14.91 | 9.23 |
कुल | 70.14 | 62.89 |
करीब आधी कीमत तो टैक्स है
यानी अगर सिर्फ टैक्स की बात करें तो 12 मार्च तक के आंकड़ों के हिसाब से हम प्रति लीटर पेट्रोल पर 34.89 (49.7%) टैक्स दे रहे थे, जो अब 3 रुपए और बढ़ जाएगा। वहीं प्रति लीटर डीजल पर 25.06 रुपए (39.8%) टैक्स वसूला जा रहा था और ये भी अब 3 रुपए और बढ़ जाएगा।
अब तक कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आने के बावजूद डीजल-पेट्रोल की कीमतें कम नहीं हो रही थीं, क्योंकि सारा फायदा तेल कंपनियां रख रही थीं। अब तेल कंपनियों का फायदा कम होगा और सरकारी खजाने में प्रति लीटर 3 रुपए बढ़ेंगे। हालांकि, ग्राहकों के लिए डीजल-पेट्रोल की कीमतें वैसी ही रहेंगी, जैसे पहले से चलती आ रही हैं। सरकार की तरफ से न तो ग्राहकों पर कोई बोझ डाला गया है, ना ही किसी तरह की राहत दी गई है।