जयपुर। सदन में अधूरे और गोलमोल जवाब देने के मामले में सरकार के मंत्रियों को विधानसभा स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने एक बार फिर फटकार लगाई है। मंगलवार को प्रश्नकाल में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल, परिवहन मंत्री, ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा विपक्ष के सवालों का सीधा जवाब नहीं दे पाए।
पेंशन प्रकरणों को लेकर पूछे गए सवाल पर धारीवाल यह नहीं बता पाए कि देरी से पेंशन जारी करने के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं और उनके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई। इसके बजाय वे घुमा फिर कर यही कहते रहे कि किसी गलती सिद्ध होगी तो उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। धारीवाल के जवाब से नाराज होकर स्पीकर ने उन्हें यह तक कह दिया कि…आप नियम गिना रहे हो। सीधे सवाल का सीधा जवाब क्यों नहीं देते।
जवाब नहीं दे पाए ऊर्जा मंत्री कल्ला
भाजपा विधायक बिहारी लाल विश्नोई के सवाल का ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला जवाब ही नहीं दे पाए। इसके चलते स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने प्रश्न को ही स्थगित कर दिया। प्रश्न स्थगित करते हुए स्पीकर ने कहा कि इसे अगली बार रिव्यू में रखेंगे। विश्नोई ने जोधपुर विद्युत वितरण निगम से जुड़ा सवाल पूछा था क्या घरेलू और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर लगाए सौर उर्जा सयंत्रो से उत्पन्न होने वाली बिजली खरीद बंद कर दी गई है? जवाब में कल्ला ने कहा कि घरों में लगे सौर ऊर्जा प्लांटों से बिजली खरीद की व्यवस्था को बंद नहीं किया गया है।
विश्नोई ने कहा कि मैंने घरेलू और व्यावसायिक दोनों कनेक्शनों के बारे में पूछ रहा हूं लेकिन मंत्री सिर्फ घरेलू कनेक्शन की बात ही कर रहे हैं। विश्नोई ने कहा कि मंत्री अपने जवाब में जिस सर्कुलर का हवाला दे रहे हैं उसमें पेज 1 के बाद सीधे पेज 3 है, बीच में से पेज दो गायब है। इस पर स्पीकर ने कल्ला से पूछा कि पेज दो कहां है। कल्ला बोले किसी कारण से नहीं आया होगा मैं पढ़कर बता देता हूं। स्पीकर ने कहा कि आपने तो सिर्फ घरेलू के बारे में सूचना दी है। कल्ला बोले वाणिज्यिक के लिए मना किया है। इस पर स्पीकर ने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा…आप सीनियर हैं, जवाब पूरा आना चाहिए, मैं समझता हूं प्रश्न को स्थगित किया जाना चाहिए।
UDH मंत्री धारीवाल ने खुद माना पेंशन में देरी की
कोटा से भाजपा विधायक संदीप शर्मा की ओर से पूछे मूल सवाल के जवाब में धारीवाल ने खुद माना कि 24 मामलों में पेंशन देरी से जारी हुई, सरकार ने उन कर्मचारियों को 9% ब्याज के हिसाब से 50 लाख रुपए का भुगतान किया। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने पूछा कि जब देरी हुई और सरकार को 50 लाख रुपए का जुर्माना देना पड़ा तो इसके लिए कौन अफसर जिम्मेदार है? उन पर कोई कार्रवाई करेंगे? इस पर धारीवाल पहले तो घुमा फिराकर जवाब देते रहे लेकिन स्पीकर की फटकार के बाद कटारिया की तरफ हाथ से इशारा किया। इस पर स्पीकर ने कटारिया से कहा-उन्होंने बोला नहीं पर हाथ से इशारा कर दिया है, कार्रवाई करेंगे।
ऐसे जवाब आएंगे तो हमारे सवाल पूछने का मतलब ही खत्म
सलूंबर विधायक अमृतलाल मीणा के सवाल पर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने यह तो बता दिया कि मौजूदा वित्त वर्ष के लिए पहली पुनर्भरण राशि की पहली किश्त भी जारी नहीं की गई। लेकिन भाजपा उनसे पूछती रही कि जिन 302 छात्रों का पुनर्भुगतान बकाया चल रहा है उन्हें कब तक किश्त जारी की जाएगी। डोटासरा गोलमोल जवाब देते रहे। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने नाराज होकर स्पीकर ने कहा कि अगर इस तरह के उत्तर आएंगे तो हमारा सवाल पूछने का मकसद ही खत्म हो जाएगा।
परिवहन मंत्री ने नहीं दिया जवाब
परिवहन मंत्री खाचरियावास ने सदन में सरकार के लिए उस वक्त अजीब स्थिति में डाल दिया। कांग्रेस विधायक गणेश घोगरा के सवाल पर खाचरियावास पढ़ते समय जिस पृष्ठ संख्या का हवाला दे रहे थे उसकी प्रति सदन में रखी ही नहीं गई। इस पर नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने स्पीकर से पूछा कि परिवहन मंत्री जिस पृष्ठ संख्या का हवाला दे रहे हैं उसकी प्रति कहां है। इस पर स्पीकर ने भी उनसे पूछा कि आप अपने जवाब में जिस पृष्ठ संख्या 2 का जिक्र कर रहे हैं वह यहां है ही नहीं। स्पीकर के बार-बार टोकने पर भी जब खाचरियावास ने सीधा जवाब नहीं दिया तो नाराज होकर स्पीकर ने उनके जवाब को बीच में ही रोककर अगला सवाल पुकार लिया।