कोटा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की फटकार के बाद जिला कलक्टर ओम कसेरा ने संवेदनशीलता दिखाते हुए शनिवार को विधवा महिला यास्मीन के घर पहुंच कर उन्हें अपने वेतन से पेंशन दी। साथ ही पेंशन स्वीकृति का आदेश दिया।
अनंतपुरा निवासी यास्मीन के पेंशन प्रकरण में देरी पर शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तत्काल पेंशन स्वीकृत करने के आदेश दिए थे। इसी सिलसिले में जिला कलक्टर ने पेंशन स्वीकृति में देरी पर खेद व्यक्त करते हुये स्वयं के वेतन से 5 हजार रुपए की राशि महिला को पेंशन के रूप में दी।
उन्होंने महिला को इस राशि का चेक व पेंशन स्वीकृति आदेश सौंपा। उनके साथ अतिरिक्त कलक्टर नरेंद्र गुप्ता, एसडीएम मोहनलाल प्रतिहार व तहसीलदार गजेंद्र सिंह भी थे।आधिकारिक जानकारी के अनुसार यास्मीन के पति जलील मोहम्मद की मृत्यु 21 सितम्बर 2019 को हुई थी। 4 माह 10 दिन का समय निकलने के बाद 22 जनवरी को जिला कलक्टर के निर्देश पर बैंक अधिकारियों ने घर पर जाकर महिला का पेंशन के लिए बैंक खाता खोला था।
जन आधार कार्ड के अभाव में पेंशन स्वीकृति में समस्या आ रही थी ऐसे में स्पेशल केस बनाकर जन आधार कार्ड जारी किया गया। विधवा यास्मीन की पारवारिक परिस्थिति को देखते हुये बीपीएल स्वीकृति आदेश जारी किए गए।जिला कलक्टर को यास्मीन ने बताया कि बेटी शबाना को भी पति ने छोड़ रखा है जिसका तलाक का केस चल रहा है ऐसे में परेशानी हो रही है। उन्होंने शबाना को भी नगर निगम में संविदा पर नौकरी दिलवाने के निर्देश दिए।