ITR फाइलिंग आसान, गलत करने पर पकड़ लेगी तीसरी आंख

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नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग ने उन कामों को भी आसान बना दिया है जो इंसान के लिए करना मुश्किल होता है। आने वाले दिनों में इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग में भी इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जाएगा। इससे गलती की गुंजाइश कम होगी और प्रक्रिया पूरी होने में कम वक्त लगेगा।

जुलाई 2019 में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के दौरान ऐलान किया था कि, आने वाले दिनों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से ऐसे सिस्टम को तैयार किया जाएगा, जिसकी मदद से टैक्सपेयर्स के लिए रिटर्न फाइल करना बहुत आसान हो जाएगा और ये काम वह खुद कर पाएंगे।

‘प्री-फील्ड इनकम टैक्स रिटर्न’ लागू किया गया
वित्त वर्ष 2018-19 में पहली बार ‘प्री-फील्ड इनकम टैक्स रिटर्न’ को प्रस्तावित किया गया था। सैलरी वाले और छोटे बिजनसमैन के लिए इसे लागू किया गया। इसमें टैक्सपेयर्स के इनकम की पूरी जानकारी होती है और उसी हिसाब से रिटर्न फाइलिंग की पूरी जानकारी भरी होती है। टैक्सपेयर्स के बारे में सारी जानकारी बैक अकाउंट्स, टीडीएस रिटर्न से इकट्ठा की जाती है। इस प्रक्रिया में टैक्सपेयर्स को केवल जानकारी को क्रॉस वेरिफाई करना होता है।

एआई करेगी सही जानकारी भरने में मदद
एआई की मदद से अगर कोई टैक्सपेयर टीडीएस के खिलाफ इनकम नहीं दिखाता है तो ई-असेसमेंट में उसे जूम कर दिया जाएगा, ताकि टैक्सपेयर्स उसकी सही जानकारी भर सके। टेक्नॉलजी के कारण एक तरफ टैक्सपेयर्स को आसानी हो रही है तो दूसरी तरफ टैक्स डिपार्टमेंट के पास आपके हर इनकम की जानकारी होती है। चाहे वह म्यूचुअल फंड से होने वाली कमाई हो या फिर शेयर बेचने और डिविडेंड जारी होने पर हो।

टेक्नोलॉजी की मदद से प्रक्रिया हुई आसान
वित्त वर्ष 2019-20 में टैक्स डिपार्टमेंट ने कई टेक्नोलॉजी को शामिल किया। ई-फाइलिंग को सभी टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी कर दिया गया। इसके अलावा ऑनलाइन फॉर्म 16 जेनरेट होता है। अब इनकम टैक्स रिटर्न रिफंड वैलिडेटेड बैंक अकाउंट में जमा हो जाता है। इसके अलावा डॉक्युमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (DIN), प्री-फील्ड रिटर्न और फेसलेस असेसमेंट को चालू वित्त वर्ष में लागू किया गया है।