कोटा। देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-2019 में जालसाजी कर परीक्षा देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। तमिलनाडु के थैनी गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में उदित सूर्या नाम के फर्जी विद्यार्थी के प्रवेश से संबंधित याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट ने एक विशेष निर्णय हाल ही जारी किया है।
मद्रास हाईकोर्ट ने एनटीए को तमिलनाडु के विभिन्न मेडिकल संस्थानों की एमबीबीएस सीटों पर प्रवेशित 4250 विद्यार्थियों के थंब इंप्रेशन सहित संपूर्ण जानकारी सीबी-सीआईडी को उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए हैं। ज्ञात रहे कि नीट 2019 की परीक्षा के दौरान परीक्षार्थी के थंब इंप्रेशन लिए गए थे। ठीक इसी प्रकार विद्यार्थियों को मेडिकल संस्थान में प्रवेश देने से पूर्व भी मेडिकल जांच के दौरान थंब इंप्रेशन लिए गए।
एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि कोर्ट का उद्देश्य है कि दोनों थंब इंप्रेशन का गहन तुलनात्मक अध्ययन किया जाए, ताकि जालसाजी, धोखाधड़ी एवं छद्मवेश में परीक्षा देने के संपूर्ण घटनाक्रम का पर्दाफाश किया जाए। कोर्ट मानता है कि यह मामला सिर्फ तमिलनाडु तक ही सीमित नहीं है, बल्कि संपूर्ण देश में व्याप्त है। इसकी गहन जांच आवश्यक है।
फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट की मदद लेने की सलाह
कोर्ट ने सीबी-सीआईडी को निर्देश दिए है कि थंब इंप्रेशन के तुलनात्मक अध्ययन के लिए फॉरेंसिक डिपार्टमेंट से फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट की मदद ली जाए। कोर्ट ने सीबी सीआईडी को यह भी निर्देश दिए हैं कि सभी डीम्ड यूनिवर्सिटी में जाकर मामले की गहनता से जांच की जाए।
बेहतर इंतजाम करने होंगे
वर्ष 2020 से एम्स तथा जिप्मेर सहित देश के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी मेडिकल संस्थानों की एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश नीट के आधार पर ही दिया जाएगा। ऐसी स्थिति में धोखाधड़ी, जालसाजी, छद्मवेश वेश में परीक्षा देने के मामले एम्स तथा जिपमेर जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों की प्रतिष्ठा को हानि पहुंचा सकते हैं।
नीट के इतिहास में ऐसा कोई वर्ष नहीं है, जब किसी न किसी कारण विद्यार्थियों को या अभिभावकों को न्यायालय की शरण में न जाना पड़ा हो। ऐसी स्थिति में एनटीए को सभी पहलुओं पर विचार करते हुए नीट-2020 के लिए सक्षम एवं कारगर निर्णय लेने होंगे। हालांकि एनटीए ने जालसाजी तथा धोखाधड़ी के मामलों को रोकने के लिए नीट-2020 के ऑनलाइन आवेदन के लिए आधारकार्ड की अनिवार्यता के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय की अनुमति मांगी है।
जम्मू-कश्मीर व लद्दाख का निर्णय भी करेगा प्रभावित
धारा 370 की समाप्ति के बाद जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिए गए हैं। आगामी नीट 2020 में जम्मू कश्मीर के सरकारी एवं गैर सरकारी मेडिकल संस्थानों की एमबीबीएस सीटों को लेकर सरकार क्या निर्णय लेती है। इसका प्रभाव भी आगामी नीट पर पड़ेगा।
हाल ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उच्च शिक्षा में कश्मीरी पंडितों को भी कश्मीरी माइग्रेंट्स को मिलने वाली रियायतें देने से संबंधित एक आदेश जारी कर दिया है। जिसमें कश्मीरी पंडितों के लिए भी कट ऑफ परसेंटेज में 10 प्रतिशत की छूट तथा 5 प्रतिशत अतिरिक्त सीटें उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है।