नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था में छा रही सुस्ती को दूर करने के लिए 3 से 7 अक्टूबर तक देश के 250 जिलों में बैंकों की तरफ से लोन वितरण का व्यापक आयोजन किया जाएगा। इसके तहत हर प्रकार की खरीदारी के लिए लोन दिए जाएंगे। इस लोन वितरण में देश के निजी बैंक एवं एबीएफसी भी शामिल होंगे। लोन वितरण के दूसरे चरण का आयोजन दिपावली से पहले किया जाएगा। सरकार ने 400 जिलों में लोन वितरण के व्यापक आयोजन का फैसला किया है।
गुरुवार को निजी बैंक, एनबीएफसी एवं माइक्रो फाइनेंस बैंकों के साथ बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में नकदी की कोई समस्या नहीं है। सरकार आखिरी घर तक लोन देने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि त्योहारी सीजन में बैंकों की तरफ से लोन के इस वितरण कार्यक्रम से मांग में बढ़ोतरी होगी, जिससे आगामी वित्तीय तिमाही में देश की विकास दर में बढ़ोतरी होगी।
उन्होंने बताया कि गुरुवार की बैठक के बाद यह साफ हुआ कि कमर्शियल वाहनों की बिक्री मे जो गिरावट आई है वह साइक्लिकल (चक्रीय) है, मतलब कुछ समय में एक बार ऐसा समय आता है, जब बिक्री कम हो जाती है। वित्त मंत्री ने कहा कि पैसेंजर गाड़ियों की बिक्री में कमी सेंटीमेंट की वजह से आई है जो जल्द ही दूर हो जाएगी।
निजी बैंक भी एक अक्टूबर से रेपो आधारित दर पर लोन देंगे
वित्त सचिव राजीव कुमार ने बताया कि 3-7 अक्टूबर तक जिन जिलों में लोन वितरण का आयोजन किया जाएगा, उसकी सूची एक-दो दिनों में सार्वजनिक कर दी जाएगी। निजी बैंकों की तरफ से कहा गया कि ग्रामीण इलाके में डिमांड की कोई कमी नहीं है और डिमांड में वे 18-25 फीसदी की ग्रोथ देख रहे हैं। निजी बैंक एवं एनबीएफसी का यह भी कहना है कि आगामी 1 अक्टूबर से वे भी एसबीआई की तरह रेपो रेट से लिंक दर के मुताबिक लोन का वितरण करेंगे।