नई दिल्ली। केंद्र सरकार कार सुरक्षा को लेकर सख्ती के मूड में है। ऐसे में कार कंपनियों को किसी तरह की ढील नहीं दिए जाने की सूचना है। केंद्र सरकार की तरफ से एक जुलाई 2019 से सभी कारों में 5 सेफ्टी फीचर्स (ABS के साथ EBD, ड्राइवर एयरबैग, रिवर्स पार्किंग अलर्ट सिस्टम, स्पीड अलर्ट सिस्टम और सीट बेल्ट रिमाइंडर) लगाना अनिवार्य कर दिया है।
इसके बाद अब सरकार नई कार को कड़े क्रैश टेस्ट से गुजारने की तैयारी कर रही है, जिससे कार निर्माता कंपनियां सेफ्टी फीचर्स की क्वॉलिटी के साथ समझौता न कर सकें। क्रैश टेस्ट में पास होने के बाद ही नई कार सड़क पर उतर सकेगी।
केंद्र सरकार देश में अंतरराष्ट्रीय स्तर के दो टेस्टिंग ट्रैक और सेंटर तैयार किए हैं, जहां इन कारों की जांच होगी। सरकार बाकायदा सरकारी उपक्रम नेशनल ऑटोमोबाइल टेस्टिंग एंड रिसर्च-डेवलपमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट (नाट्रिप) को मान्यता देने तैयारी कर रही है। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने मंगलवार को नाट्रिप को कारों के मैकेनिकल व तकनीकी जांच करने की मान्यता देने संबधी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
बजट कार उतारने के चक्कर में सुरक्षा से समझौता
भारत में बनने वाली बजट कारें (5-8 लाख रुपए कीमत की) विदेश में होने वाले क्रैश टेस्ट में फेल हो चुकी हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने नाट्रिप को टेस्टिंग के अधिकारी देने की तैयारी शुरू कर दी है। नाट्रिप के सहयोग से चेन्नई व इंदौर में अंतराष्ट्रीय स्तर टेस्टिंग ट्रैक व सेंटर बनकर तैयार कर लिए गए हैं।
कार टेस्टिंग यह सुविधा पूर्वोत्तर राज्यों के बड़े शहरों सहित गुरुग्राम व अन्य स्थानों पर की जा रही है। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक अभी तक नई कारों के लिए अंतराष्ट्रीय स्तर की टेस्टिंग की सुविधा नहीं थी। अब नई कारें कड़े परीक्षण के बाद ही सड़क पर उतर सकेंगी।