नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019 के आम बजट में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए बड़ी घोषणाएं की हैं। बजट में इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर जीएसटी रेट 12 पर्सेंट से घटाकर 5 पर्सेंट कर दिया गया। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने की खातिर लिए गए लोन पर चुकाए जाने वाले ब्याज पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त इनकम टैक्स छूट (एडिशनल इनकम टैक्स डिडक्शन) भी मिलेगी। सरकार इस कदम से इलेक्ट्रिक गाड़ियों को लोगों के लिए किफायती बनाना चाहती है।
वित्त मंत्री ने शुक्रवार को बजट पेश करते हुए इलेक्ट्रिक गाड़ियों और उसमें इस्तेमाल होने वाली बैटरी के लिए इन्सेटिव की भी घोषणा की। यह इन्सेटिव FAME II योजना (फास्टर एडॉप्शन ऐंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड ऐंड इलेक्ट्रिक वीइकल्स) के तहत मिलेगा। सीतारमण ने कहा कि फेम 2 योजना का उद्देश्य सही प्रोत्साहन और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को तेजी से बढ़ावा देना है।
वहीं, बजट से पहले गुरुवार को आर्थिक सर्वे में कहा गया था कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए मैन्युफैक्चरर्स और यूजर्स को दिए जाने वाले इन्सेटिव से ज्यादा अच्छे चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि पेट्रोल-डीजल से चलने वाली गाड़ियों की तुलना में बैटरी से चलने वाली गाड़ियों की रेंज कम है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए निवेश बढ़ाने की जरूरत
सर्वे में कहा गया था कि इलेक्ट्रिक कार को फास्ट चार्जर्स से चार्ज करने में लगभग डेढ़ घंटे का समय लगता है, जो जबकि स्लो चार्जर्स से इसे चार्ज करने में 8 घंटे तक का समय लग जाता है। ऐसे में यह एक महत्वपूर्ण पॉलिसी इश्यू है और देश में यूनिवर्सल चार्जिंग स्टैंडर्ड पॉलिसी लाने की जरूरत है। साथ ही इसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए निवेश बढ़ाने की जरूरत है।
इसके अलावा सर्वे में कहा गया कि बैटरी किसी भी इलेक्ट्रिक गाड़ी के लिए सबसे जरूरी है। इस वजह से उपयुक्त बैटरी टेक्नॉलजी के डिवेलपमेंट को अत्यधिक महत्व दिया जाना चाहिए, जो भारत में उच्च तापमान की स्थिति में अच्छे से कम कर सके।