नई दिल्ली। अप्रैल में थोक मूल्य आधारित महंगाई दर (WPI) ने राहत दी। मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की कीमतों में सुस्ती के दम पर इस महीने में थोक महंगाई घटकर 3.07 फीसदी पर आ गई, जबकि पिछले महीने यह आंकड़ा 3.18 फीसदी रहा था। हालांकि सब्जियों की थोक कीमतों में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई।
सरकार द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, सब्जियों की कीमतों में 40.65 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जबकि बीते महीने यानी मार्च में यह आंकड़ा 28.13 फीसदी रहा था। हालांकि आलुओं की महंगाई मार्च के 1.30 फीसदी से घटकर अप्रैल में (-) 17.15 फीसदी रह गई।
खाद्य पदार्थों की महंगाई 4.95 फीसदी के स्तर पर
अप्रैल में खाद्य पदार्थों की महंगाई बढ़कर 4.95 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई, जबकि बीते महीने यह 3.89 फीसदी रही थी। गैर खाद्य पदार्थों की महंगाई मार्च के 2.83 फीसदी से बढ़कर 5.23 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई। मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स महंगाई 1.72 फीसदी रही, जबकि मार्च में यह आंकड़ा 2.16 फीसदी रहा था।
खुदरा महंगाई ने दिया था झटका
इससे पहले सोमवार को अप्रैल के खुदरा महंगाई (Retail inflation) के आंकड़े आए थे। सब्जियों, मीट, मछली और अंडों की कीमतें बढ़ने से खुदरा महंगाई 2.92 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई, जो 6 महीने उच्चतम स्तर है। जबकि पिछले महीने यानी मार्च, 2019 में यह आंकड़ा 2.86 फीसदी रहा था और अप्रैल, 2018 में महंगाई 4.58 फीसदी रही थी।
खाद्य पदार्थों की महंगाई में इजाफा
खुदरा महंगाई बढ़ने की मुख्य फूड बास्केट की महंगाई रही, जो अप्रैल में बढ़कर 1.1 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई जबकि मार्च में यह आंकड़ा 0.3 फीसदी रहा था। वहीं सब्जियों की कीमतों में 2.87 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई, जबकि मार्च, 2019 में कीमतों में कमी आई थी। हालांकि, अप्रैल में फलों की कीमतों में एक साल पहले समान महीने की तुलना में कमी दर्ज की गई।