नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से कुछ दिन पहले केंद्र सरकार ने जीएसटी कानून की कई धाराओं और नियमों की अधिसूचना जारी कर दी है।इन नियमों के तहत परोक्ष करों के मौजूदा असेसी को जीएसटी के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। देश में जीएसटी को एक जुलाई से लागू किया जा रहा है।
इसके प्रभाव में आने के बाद केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर और राज्यों के वैट जैसे कई परोक्ष कर समाप्त हो जाएंगे। वित्त मंत्रालय ने जीएसटी कानून की 18 धाराओं को अधिसूचित कर दिया है।ये धाराएं केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर और वैट के मौजूदा असेसी के जीएसटी में पंजीकरण तथा ट्रांजिशनल रूल्स से संबंधित हैं।
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने पंजीकरण और कंपोजीशन लेवी से संबंधित दो नियमों को भी जारी कर दिया है। सभी अधिसूचनाएं 22 जून से प्रभावी होंगी।सालाना 20 लाख रुपये से अधिक का कारोबार करने वाले प्रत्येक व्यापारी या कंपनी को जीएसटी के लिए पंजीकरण कराना होगा।जीएसटी के लिए पंजीकरण होने से कारोबारियों को बिना किसी परेशानी के इनपुट टैक्स क्रेडिट मिल सकेगा।
सरकार ने जीएसटी के कॉमन पोर्टल को भी अधिसूचित कर दिया है।मौजूदा 80 लाख असेसी में से अब तक 65 लाख जीएसटी के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। वित्त मंत्री का कहना है कि कारोबारी यह दलील नहीं दे सकते कि उन्हें तैयारी करने का पर्याप्त समय नहीं मिला है।जेटली ने यह भी कहा कि जीएसटी की दरें नीची रखने से सरकार को राजस्व हानि नहीं होगी।