उदयपुर। संभाग के बांसवाड़ा शहर में गत दिनों आयकर विभाग के छापे के बाद यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। प्रमुख शिक्षण संस्थान न्यूलुक स्कूल ग्रुप की बेनामी संपत्ति में वहीं के स्कूल बस संचालक के नाम करोड़ों की जमीन निकली है। आयकर विभाग ने इस जमीन का बाजार मूल्य करीब 20 करोड़ रुपए मानकर इसे बेनामी संपत्ति करार दिया है।
गत वर्ष नवंबर में आयकर विभाग ने बांसवाड़ा,सागवाड़ा में इस संस्थान के ठिकानों पर छापे मारे थे जिनमें जमीन खरीद फरोख्त में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई थी। उदयपुर टीम के इस मामले की तह में जाने पर सामने आया कि बांसवाड़ा स्थित न्यूलुक स्कूल ग्रुप की एक स्कूल के पास स्थित 28 बीघा 10 बिस्वा जमीन पर 192 भूखंड काटे गए थे।
यह जमीन ग्रुप संचालक प्रदीप कोठारी ने अपने सबसे विश्वासपात्र बस चालक रामलाल निनामा के नाम से खरीदी थी जबकि रामलाल की ऐसी जमीन खरीदने की हैसियत ही नहीं है। अन्वेषण शाखा ने मामला जांच के लिए बेनामी निषेध यूनिट को सौंप दिया तो जांच में सामने आया कि यह जमीन 14 अलग-अलग बिक्री पत्रों के जरिए चालक रामलाल निनामा के नाम से खरीदी गई थी और उसका भुगतान नकद किया गया।
भूखंडों का रूपांतरण शुल्क करीब डेढ़ करोड रुपए नगर परिषद को किया गया। वह भी रामलाल की ओर से नहीं दिया गया था। इस 28 बीघा जमीन पर 112 भूखंडों के विक्रय पत्र डीएलसी से काफी कम दर पर संचालक प्रदीप कोठारी ने अपने और अपनी एक अन्य कंपनी गुरुदेव शांति विजय इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से पंजीकृत करवाए गए थे। 12 करोड़ 77 लाख रुपए डीएलसी रेट होने के बावजूद विक्रय पत्र में सिर्फ 3 करोड़ 34 लाख रुपए दर्शा कर रजिस्ट्री करवा ली गई।
इसके लिए चालक रामलाल के नाम से सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया की न्यू लुक स्कूल शाखा में खाता खुलवा कर दिखावे के तौर पर 3 करोड़ 34 लाख रुपए जमा कराए गए। बाद में खाली चेक के जरिए यह राशि संचालक ने फिर से निकाली। जांच के बाद आयकर विभाग ने इस जमीन को अटैच कर दिया है।
साथ ही सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया और स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में चालक रामलाल के नाम से चलाए जा रहे दो खातों को भी बेनामी संपत्ति अधिनियम के तहत अटैच किया गया है। आयकर विभाग के संयुक्त निदेशक एम रघुवीर का कहना है कि मामले की जांच जयपुर मुख्यालय की बेनामी निषेध टीम की ओर से की जा रही है। अनुसंधान अभी चल रहा है।