कोटा। ड्रग विभाग ने मंगलवार को शॉपिंग सेन्टर स्थित लाइफ केयर फार्मेसी पर छापा मारकर अवैध तरीके से किए जा रहे दवा के कारोबार का भंडाफोड़ किया है। कार्रवाई में 1 लाख की दवा जब्त की गई है। दवा बिना लाइसेंस और बिल के ऑनलाइन बेची जा रही थी।
ड्रग विभाग को सूचना मिली थी कि शॉपिंग सेन्टर में एक गोदाम से दवा का ऑनलाइन अवैध कारोबार किया जा रहा है। इस पर विभाग की टीम ने निगाह रखना शुरू किया। मंगलवार को सहायक अौषधि नियंत्रक देवेन्द्र कुमार गर्ग के निर्देशन में रोहिताश्व नागर, उमेश माखीजा, प्रहलाद मीणा, संदीप केले, योगेश कुमार, निशांत एवं दिनेश फार्मेसी कंपनी के कार्यालय पर पहुंचे।
इस फार्मेसी का संचालन जयपुर स्थित फर्मा मैसर्स मेडिस्टोर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा था। ये फर्म फोन पर ग्राहकों से अौषधियों का ऑनलाइन ऑर्डर प्राप्त कर कोटा स्थित ऑफिस से दवाओं की डिलीवरी करके उनका भुगतान प्राप्त करती थी। भुगतान कोटा ऑफिस के जरिये बैंक में जमा कराया जाता था।
कोटा में कार्यालय विशाल गोस्वामी द्वारा संचालित किया जा रहा था। मौके पर विशाल गोस्वामी से उनके ऑफिस में मौजूद दवा जो लगभग एक लाख रुपए से अधिक की दवाएं अौषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के तहत जब्त किया गया।
साथ में पैकेट व बिल भी बरामद किए गए हैं। गर्ग ने बताया कि इस कार्रवाई की सूचना अौषधि नियंत्रक राजस्थान जयपुर को दी गई जिस पर उनके द्वारा जयपुर स्थित फर्म पर भी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि फर्म पिछले 8 माह से कारोबार कर रही थी। ड्रग विभाग के अनुमान के अनुसार फर्म ने 2 करोड़ 40 लाख का कारोबार किया है। जब्त की गई दवा में कई जीवनरक्षक दवाएं शामिल हैं।
दवाओं की ऑनलाइन बिक्री गैरकानूनी
अौषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के तहत दवाओं की ऑनलाइन बिक्री गैरकानूनी है। मद्रास हाईकोर्ट एवं दिल्ली हाईकोर्ट ने भी दवाओं के ऑनलाइन व्यापार को गैरकानूनी बताया है। अधिनियम के तहत डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन पर रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट द्वारा ही विक्रय बिल जारी कर दवा बेचने का प्रावधान है। दवा के ऑनलाइन कारोबार में सही बिल एवं निर्माता का नाम-पता मालूम नहीं पड़ता जिससे इसके नकली होने की संभावना अधिक होती है। इसी आशंका को देखते हुए लाइफ केयर फार्मेसी से जब्त दवा के नमूने भी लिए गए हैं।