नई दिल्ली। राष्ट्रीय औषधि मूल्य प्राधिकरण (एनपीपीए) ने और 30 दवाओं (फार्मूलेशन) का अधिकतम खुदरा मूल्य/एमआरपी तय किया है। इन दवाओं का इस्तेमाल हेपेटाइटिस, ह्दय रोग, संक्रमण, बुखार और दर्द के इलाज के लिए होता है।
दवा मूल्य नियामक ने कहा कि जहां 19 अनिवार्य दवाओं के लिए अधिकतम मूल्य तय किया गया है, वहीं 11 के मूल्य में संशोधन किया गया है। एनपीपीए ने अधिसूचना में कहा,’सात दवाओं का खुदरा मूल्य तय किया गया है।’ ताजा मूल्य संशोधन से अप्रैल, 2016 से मूल्य नियंत्रण के दायरे में आने वाली दवाओं की संख्या 760 पर पहुंच गई है।
यह कदम सरकार की देशभर में मरीजों को उचित मूल्य पर गुणवत्ता वाली सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने की प्रक्रिया का हिस्सा है। एनपीपीए नियंत्रित थोक दवाओं और फार्मूलेशन का मूल्य तय और संशोधित करता है। वह देश में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही बिना नियंत्रण वाली दवाओं के दाम उचित स्तर पर रखने के लिए मूल्य की निगरानी भी करता है।