कोलकाता।मोबाइल फोन सर्विसेज पर काफी कम खर्च करने वाले कस्टमर्स की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने हाल में मिनिमम रिचार्ज प्रीपेड पैक शुरू करने का फैसला किया है। यह इन कंपनियों की ओर से एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) बढ़ाने, प्रॉफिटेबल कस्टमर्स पर फोकस करने और रेवेन्यू न देने वाले कस्टमर्स को बाहर करने की कोशिश का संकेत है।
मार्केट लीडर वोडाफोन आइडिया और देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी भारती एयरटेल ने 100 रुपये से कम के बहुत से प्रीपेड पैक पर 28 दिनों की वैलिडिटी शुरू की है। इनमें 35, 65 और 95 रुपये के पैक शामिल हैं। इससे इन प्लान पर रिचार्ज न करने वाले कस्टमर्स की आउटगोइंग कॉल्स 30 दिनों और इनकमिंग कॉल्स 45 दिनों में बंद हो जाएंगी।
ऐनालिस्ट्स का कहना है कि इस कदम से यह पता चल रहा है कि दोनों बड़ी टेलिकॉम कंपनियां पिछले दो वर्ष में कम प्राइसिंग से नुकसान उठाने के बाद अब रेवेन्यू और प्रॉफिटेबिलिटी बढ़ाने पर ध्यान दे रही हैं। टेलिकॉम मार्केट में रिलायंस जियो इन्फोकॉम के प्रवेश के बाद शुरू हुई प्राइस वॉर से से इन कंपनियों के रेवेन्यू और प्रॉफिट पर बड़ा असर पड़ा है।
IIFL के एग्जिक्युटिव वाइस प्रेजिडेंट (मार्केट्स ऐंड कॉर्पोरेट अफेयर्स) संजीव भसीन ने ईटी को बताया, ‘एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने देश भर में मिनिमम रिचार्ज प्लान पेश किए हैं और इसका कारण ARPU बढ़ाना है। ऐसा लगता है कि ये कंपनियां उन कस्टमर्स को बाहर करने में नहीं हिचकेंगी जिनसे उन्हें कोई कैश नहीं मिल रहा।’
उनका कहना था कि ये कंपनियां मिडल और अपर कस्टमर्स पर फोकस कर रही हैं जो कम खर्च करने वाले कस्टमर्स की तरह मामूली फायदा देखकर टेलिकॉम ऑपरेटर नहीं बदलते। इस बारे में ईटी की ओर से भेजे गए प्रश्नों का वोडाफोन आइडिया ने उत्तर नहीं दिया।
जियो की ओर से बेहद सस्ते टैरिफ प्लान पेश करने के कारण देश की पुरानी टेलिकॉम कंपनियों को अपने कस्टमर्स बरकरार रखने के लिए रेट्स में कमी करनी पड़ी थी। इससे सब्सक्राइबर्स को फायदा हुआ था, लेकिन पुरानी टेलिकॉम कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था।
इस वजह से कुछ छोटी टेलिकॉम कंपनियां मार्केट से बाहर हो गईं और टेलिकॉम सेक्टर में कंसॉलिडेशन के बाद तीन बड़ी प्राइवेट कंपनियां- वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल और रिलायंस जियो बच गईं। इन कंपनियों के पास अब प्राइसिंग की ताकत भी लौट सकती है।
एयरटेल के चीफ एग्जिक्युटिव ऑफिसर गोपाल विट्ठल ने हाल ही में कहा था कि मौजूदा फाइनैंशल इयर के दूसरे क्वॉर्टर में कंपनी ने अपने ARPU में गिरावट को रोकने में सफलता पाई है। हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्राइसिंग पावर का लौटना जियो की आने वाले समय में प्राइसिंग को लेकर स्ट्रैटिजी पर निर्भर करेगा।