नई दिल्ली।आईआईटी मुंबई एशिया के सर्वश्रेष्ठ 33 उच्च शिक्षण संस्थानों में शुमार हो गया है। क्यूएस ने एशिया रीजन रैंकिंग 2019 जारी कर दी है। एशिया रीजन रैंकिंग में भारत के आठ शिक्षण संस्थान टॉप सौ में शामिल हैं। एशिया रैंकिंग में अधिकतर भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रदर्शन में सुधार देखने को मिला है। जबकि आईआईटी कानपुर के प्रदर्शन में दो पायदान की गिरावट है। खास बात यह है कि भारत के 15 फीसदी संस्थान एशिया के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में शुमार हो गए हैं।
क्यूएस ने लंदन में बुधवार को जारी एशिया रीजन रैंकिंग 2019 जारी की है। क्यूएस के रिसर्च डायरेक्टर बेन स्वॉटेर के मुताबिक, यह भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए चुनौती और बेहतर प्रदर्शन का अवसर भी है। रैंकिंग में भारतीय शिक्षण संस्थानों में सुधार देखने को मिल रहा है।
रैंकिंग में पांच सौ एशिया की यूनिवर्सिटी शामिल हुई। इसी के तहत टॉप सौ की रैंकिंग जारी की गई, जिसमें आठ भारतीय संस्थान शामिल हैं। नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर नंबर एक, यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग दूसरे तो नंनयग टेक्निोलोजिकल यूनिवर्सिटी तीसरे स्थान पर है।
संस्थान | 2018 | 2019 |
आईआईटी मुंबई | 34 | 33 |
आईआईटी दिल्ली | 41 | 40 |
आईआईटी मद्रास | 48 | 48 |
आईआईएससी बंगलूरू | 51 | 50 |
आईआईटी खड्गपुर | 62 | 53 |
आईआईटी कानपुर | 59 | 61 |
दिल्ली विश्वविद्यालय | 72 | 62 |
आईआईटी रूढ़की | 93 | 86 |
जावडेकर से शिकायत
आईआईटी मद्रास ने इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस की रेस में जगह नहीं मिलने पर मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर को पत्र लिखकर शिकायत की है। इंस्टीट्यूट के चेयरमैन पवन गोयनका का कहना है कि जब कमेटी की सूची में इस संस्थान का दूसरा नंबर था तो फाइनल रेस से यह बाहर कैसे हो गया।
जबकि इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस के लिए नियम व शर्तों को संस्थान पूरा करता है। इसी के चलते वह अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय रैंकिंग में शामिल हैं। यह देश के सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरिंग व रिसर्च शिक्षण संस्थान में शुमार हैं। लेकिन इस रेस से बाहर होने से शिक्षकों में भी रोष है।
गौरतलब है कि पिछले महीने सरकार ने दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों की रेस में शुमार होने की तैयारी के चलते इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस का गठन किया था। इसी के तहत तीन सरकारी और तीन गैर सरकारी संस्थानों को इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस के लिए चुुना गया है।
आईआईटी दिल्ली, आईआईटी मुंबई व आईआईएससी बंगलूरू सरकारी संस्थान हैं। जबकि निजी क्षेत्र में मनिपाल एकेडमी, बिट्स पिलानी और रिलायंस फाउंडेशन के जियो इंस्टीट्यूट को शामिल किया गया है। इसमें से सरकारी संस्थानों को इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस का दर्जा मिल चुका है। इसी के तहत उन्हें सरकार की ओर विशेष बजट दिया जाएगा।