नई दिल्ली। जीएसटी परिषद की शनिवार को होने वाली 30 से 40 वस्तुओं पर टैक्स घटाने का निर्णय हो सकता है। हालांकि प्राकृतिक गैस या विमान के ईंधन को जीएसटी में लाने पर फिलहाल टल गया है।
जीएसटी परिषद की नई दिल्ली में 20वीं बैठक होनी है और इसमें सैनिटरी नैपकिन, हथकरघा, हस्तशिल्प जैसे तमाम जरूरी या छोटे कारीगरों से जुड़े उत्पादों पर कर घटाने पर मुहर लग सकती है। जीएसटी से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि टैक्स का दायरा और वसूली बढ़ने के कारण इन वस्तुओं पर कर घटाने का कोई राजस्व संग्रह पर नहीं होगा।
जीएसटी में फिलहाल 05, 12, 18 और 28 फीसदी की चार दरें हैं। माना जा रहा है कि इन सभी स्लैब से कुछ वस्तुओं को निकालकर निचली श्रेणी में लाया जा सकता है। इससे पहले जनवरी में आखिरी बार कर दरों में कमी कर जनता और उद्योगों को राहत दी गई थी।
बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के नेतृत्व वाला मंत्रिसमूह डिजिटल लेनदेन पर छूट के प्रस्ताव को एक साल टालने की सिफारिश पहले ही कर चुका है। वहीं गन्ना किसानों को लाभ के लिए एक फीसदी कृषि सेस पर भी सहमति बनने के आसार कम ही हैं।
रिटर्न सरलीकरण पर लगेगी मुहर
जीएसटी में रिटर्न को और सरल बनाने और ज्यादातर कारोबारियों के लिए सिर्फ एक रिटर्न भरने की व्यवस्था को स्वीकार करने पर निर्णय हो सकता है। इस मुद्दे से जुड़े मंत्रिसमूह ने अपनी रिपोर्ट पहले ही तैयार कर ली है।
टीडीएस पर भी निर्णय की संभावना
केंद्र सरकार कुछ सेवाओं पर टीडीएस लगाने की मंत्रिसमूह की सिफारिश को भी मान सकती है। फिलहाल कुछ श्रेणियों में ढाई लाख रुपये से ज्यादा मूल्य के सामानों या सेवाओं पर दो फीसदी टीडीएस का प्रस्ताव है।
इलेक्ट्रानिक उत्पादों पर फिलहाल राहत नहीं
उद्योग जगत लंबे समय से फ्रिज, एसी समेत कई इलेक्ट्रानिक उत्पादों को 28 फीसदी की उच्चतम कर दर से नीचे लाने की मांग कर रहा है। लेकिन केंद्र और राज्य टैक्स संग्रह में कमी होने की आशंका को देखते हुए फिलहाल ऐसा होना संभव नहीं दिख रहा है। फिलहाल 49 उत्पाद 28 फीसदी कर के दायरे में हैं।
इन पर फैसला होगा
-रिटर्न फाइलिंग और कर अनुपालन को सरल बनाना
-एकमुश्त योजना के तहत टर्नओवर और दायरा बढ़ाना
-रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म, इनपुट टैक्स क्रेडिट पर ढील
-रिफंड की प्रक्रिया को आसान और तेज करना