चंदा कोचर पर 453 करोड़ की राउंडट्रिपिंग में एस्सार ग्रुप की मदद का आरोप

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मुंबई। आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ और एमडी चंदा कोच्चर पर नए गंभीर आरोप सामने आए हैं। शेयरहोल्डर एक्टिविस्ट अरविंद गुप्ता ने कहा कि चंदा कोच्चर, उनके पति दीपक कोच्चर और एस्सार ग्रुप ने मॉरिशस बेस्ड एंटिटीज के माध्यम से 453 करोड़ रुपए की राउंड ट्रिपिंग की।

क्या होती है राउंड ट्रिपिंग
कई भारतीय कंपनियां टैक्स चोरी करने के लिए राउंड ट्रिपिंग का रास्ता अपनाती है। इसके तहत कंपनियां एफडीआई का अमाउंट जो बताती है, उसमें से पूरा अमाउंट एफडीआई नहीं होता है। इसके बजाय कंपनियां मॉरिशस के कानून का फायदा उठाकर वहां से अपना पैसा दोबारा एफडीआई के नाम पर भेजती हैं, जिससे वह भारत के साथ-साथ मॉरिशस में भी टैक्स देने से बच जाती हैं।

व्हिशलब्लोअर ने पीएम और रेग्युलेटर्स से की शिकायत
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री, रेग्युलेटर्स और मिनिस्ट्रीज को भेजे एक लेटर में गुप्ता ने दीपक पर मिलीभगत से अपनी कंपनी न्यूपावर ग्रुप में कैश और कर्ज की व्यवस्था करने का आरोप लगाया। उन्होंने लेटर में लिखा, ‘इसलिए चंदा कोच्चर और उनके सहयोगियों द्वारा अपनी पोजिशन और बैंकिंग अथॉरिटी के दुरुपयोग की उचित जांच होनी चाहिए। वे सभी प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के अंतर्गत पब्लिक सर्वैंट्स माने गए हैं।’

आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन मामले के बाद यह ताजा विवाद सामने आया है। पहले मामले की जांच फिलहाल सीबीआई कर रही है। लेटर के मुताबिक न्यूपावर को एस्सार के रवि रुइया के दामाद निशांत कनोडिया के स्वामित्व वाली मॉरिशस बेस्ड मैटिक्स ग्रुप और फर्स्टलैंड होल्डिंग्स के माध्यम से एस्सार से राउंड ट्रिप्ड इन्वेस्टमेंट प्राप्त हुआ।

2012 में दीपक कोच्चर की कंपनी को मिले 453 करोड़ रु
लेटर में कहा गया कि न्यूपावर रिन्युएबल्स को दिसंबर, 2012 और मार्च, 2012 के बीच फर्स्डलैंड होल्डिंग्स द्वारा कम्पल्सरी कन्वर्टिबल प्रिफरेंस (सीसीपीएस) शेयर सब्सक्राइब करके चार ट्रांजैक्शंस में फंडिंग हासिल हुई थी। इस क्रम में मैटिक्स फायदे में अपनी इन्वेस्टमेंट निकालकर अलग हो गई। 

जिस क्रम में उसने मॉरिशस बेस्ड विदेशी इन्वेस्टर डीएच रिन्युएबल पावर होल्डिंग्स को हिस्सेदारी बेच ती, जिसने 325 करोड़ रुपए में फर्स्डलैंड होल्डिंग्स की हिस्सेदारी खरीदने के अलावा 128 करोड़ रुपए के सीसीपीएस के लिए भी सब्सक्राइब किया।

इस प्रकार उसने 453 करोड़ रुपए का निवेश किया। गुप्ता ने लिखा, ‘मैट्रिक्स ग्रुप लेनदेन के तहत न्यूपावर रिन्युएबल्स में निवेश करने के लिए एस्सार ग्रुप के प्रॉक्सी इन्वेस्टर के तौर पर काम किया है।’ आईसीआईसीआई बैंक और एस्सार ग्रुप ने इन आरोपों से इनकार किया है। एस्सार ग्रुप के एक स्पोक्सपर्सन ने कहा, ‘एस्सार का फर्स्डलैंड होल्डिंग्स में कोई बिजनेस इंटरेस्ट नहीं है। ’

छुट्टी पर गईं चंदा कोच्चर
चंदा कोचर हाल में छुट्टी पर चली गई हैं। हाल में बैंक बोर्ड की ओर चंदा कोचर के खिलाफ स्‍वतंत्र जांच के फैसले के तुरंत बाद बाद उनका इस तरह छुट्टी पर जाना कई सवाल खड़े कर रहा है। चंदा और उनकी फैमली पर आरोप है कि वीडियोकॉन ग्रुप को लोन देने में उन्‍हें निजी तौर पर लाभ हासिल हुआ है। इसी के बाद बैंक ने चंदा के खिलाफ लोन बांटने में ‘कान्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्‍ट्र’ और निजी लाभ के लिए काम करने के आरोपों की स्‍वतंत्र जांच कराने का आदेश दिया।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि उन्‍हें अनिश्चित काल के लिए छुट्टी पर भेज दिया है। चंदा को छुट्टी पर भेजने का फैसला बोर्ड की ओर से लिया गया। हालांकि इसके बाद बैंक बोर्ड ने एक बयान जारी करके साफ कर दिया कि चंदा कोचर को छुट्टी पर जाने के लिए नहीं कहा गया है।

वह अपनी सालाना छुट्टी पर गई हैं। यह छुट्टी पहले से ही प्‍लान थी। बोर्ड ने इन अटकलों को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा जा रहा था कि बोर्ड ने चंदा कोचर का उत्‍तराधिकारी नियुक्‍त करने के लिए एक सर्च कमेटी का गठन किया है।